Gallbladder Stones Symptoms And Precaution: आजकल बहुत सारे लोगों क गॉलब्लैडर में स्टोन की समस्या होने लगी है. दरअसल ये शरीर में हानिकारक पदार्थों और अपशिष्टों के जमा होने से होता है. इससे ब्लैडर में पथरी बन जाती है. आपको किडनी या गॉलब्लैडर यानि पित्त की थैली में स्टोन हो सकता है. अगर किडनी में स्टोन है तो इसे दवाओं से निकाला जा सकता है, लेकिन अगर पित्त की थैली में स्टोन है तो इसे एक सर्जरी के बाद ही ठीक किया जाता है. पित्त की थैली एक बंद थैली जैसी होती है जिसे स्टोन होने पर ज्यादातर निकाल दिया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो गॉलब्लैडर में स्टोन की वजह खान-पान में गड़बड़ी है.
गॉलब्लैडर में स्टोन के लक्षण
गॉलब्लेडर में स्टोन होने पर आपको पेट में तेज दर्द होने लगता है. इससे बचने के लिए आपको लाइफस्टाइल और फूड को ठीक रखना सबसे जरूरी है. जानते हैं क्यों पित्त की थैली में स्टोन बन जाता है.
गॉलब्लैडर में स्टोन के कारण
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ना- पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी होती है. पित्त में ऐसे रसायन पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को खत्म करते हैं. हालांकि अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है तो इसे कम करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल, क्रिस्टल के रूप में पित्त की थैली में जमा होने लगता है. जो स्टोन बन जाते हैं.
- बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ना- पित्त में पाया जाने वाला एक रसायन होता है बिलीरुबिन. कई बार लिवर बहुत ज्यादा बिलीरुबिन बनाने लगता है, जिससे लिवर सिरोसिस, पित्त की थैली में इंफेक्शन, पीलिया और पित्त की थैली में पथरी भी हो सकती है.
- पित्ताशय का ठीक से खाली न होना- अगर आपका पित्ताशय ठीक तरह से खाली नहीं हो रहा है और पित्त की मात्रा बढ़ रही है, तो इससे की थैली में स्टोन का खतरा बढ़ जाता है. पित्ताशय के खाली ने होने की कई वजह हैं.
गॉलब्लैडर स्टोन से बचने का तरीका?
- आपको अपना वेट कंट्रोल में रखना जरूरी है. ज्यादा वजन बढ़ने से गॉलब्लैडर में स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है.
- फाइबर से भरपूर आहार लेना चाहिए. जो लोग कम मात्रा में फाइबर लेते हैं उन्हें पित्त की थैली में पथरी का खतरा ज्यादा रहता है.
- भरपूर और समय पर भोजन करने की आदत बनाएं. जो लोग खाना छोड़ देते हैं या ज्यादा व्रत करके हैं उन्हें ये समस्या हो सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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