Gandhi Jayanti 2021: भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कल 152वीं जयंती है. कल भारत समेत पूरे दुनिया में कल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्म दिवस मनाया जाएगा. हर साल 2 अक्टूबर को पूरे देश व दुनिया में महात्मा गांधी का जन्मदिन बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. कल महात्म गांधी की 152वीं जयंती मनाई जाएगी. महात्मा गांधी ने जिस तरह से अंहिसा को अपना कर देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर किया था.
उनके इसी अंहिसा के रास्ते को याद कर उनके जन्मदिवस पर पूरे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है. बापू के विचार न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के हर वर्ग के लोगों का मार्गदर्शन करती है. गांधी जयंती के मौके पर अलग-अलग तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. आज हम आपको बताएंगे राष्ट्रपित महात्मा गांधी से जुड़े 10 रोचक तथ्य जिसके बारे में आपने शायद नहीं सुना होगा.
महात्मा गांधी से जुड़े 10 रोचक तथ्य
महात्मा गांधी का जन्म शुक्रवार 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था, वहीं भारत को स्वतंत्रता भी शुक्रवार के दिन 15 अगस्त 1947 को मिली थी और गांधी जी की हत्या का दिन भी शुक्रवार ही था.
गांधी जी के जन्म जयंती के मौके पर पूरे दुनिया में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है.
महात्मा गांधी के अपने माता पिता के सबसे छोटे संतान थे. उनसे बड़े दो भाई और एक बहन थी.
अफ्रीका में महात्मा गांधी अपने सत्याग्रह के दौरान लगभग 1100 एकड़ में एक कॉलनी ट़लस्टॉय फॉर्म की स्थापना की थी.
महात्मा गांधी सभी भारतीयों से समानता दिखाने के लिए बिना सिले हुए कपड़े पहनते थे. उनका कहना था वह तभी अपने पूरे तन को कवर करेंगे जब सभी भारतीयों के पास पूरे तन का कपड़ा होगा.
गांधी जी के आंदोलन के दौरान अंग्रेजी हुकूमत किसी को भी फोटो लेने की इजाजत नहीं देते थे. अंग्रेजों का ऐसा मानना था कि तस्वीर से आंदोलन बहुत बड़ा हो सकता है.
गांधी जी के सिद्धांतों पर चलने वाले दुनिया के कई बड़े नेता जैसे आंग सान सु की, नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग ने शांति के लिए नोबेल पुरस्कार जीता है.
महात्मा गांधी को फुटबॉल खेल से बहुत लगाव था.
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बताया था.
भीम राव अंबेडकर गांधी के धुर विरोधी थे, लेकिन महात्मा गांधी के सिफारिश पर ही उन्हे संविधान सभा में शामिल किया गया था.
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