भारत में शादी जन्मों जन्म यानि 7 जन्म के साथ से लेकर उम्र भर के बंधन की तरह देखा जाता है. विदेशों से विपरित भारत में शादी का एक खास महत्व है. भारत में तलाक को एक टैबू की तरह देखा जाता है. अगर किसी कपल्स ने कह दिया कि हम दोनों को साथ नहीं रहना है तो फैमिली से लेकर आसपास के लोगों के बीच हरकंप मच जाता है. 21 वीं शताब्दी में भारतीय समाज काफी ज्यादा बदला है इंटरनेट और सोशल मीडिया का जमाना है तो लोग इस पर खुलकर बात करते हैं लेकिन एक जमाना यह भी था कि अगर किसी लड़की ने शादी के बाद हिंसा और उत्पीड़न को लेकर बोल पड़ीं तो उन लड़कियों को परंपरा के नाम पर फैमिली की तरफ से ही बर्दाश्त करने की सलाह दी जाती है. अब तो फिर सोशल मीडिया पर लोग खुलकर इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं. या अपनी बात रखते हैं.  कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक लड़की के माता-पिता ने खुशी-खुशी अपनी बेटी को ससुराल से घर वापस बुला लिया क्योंकि वह अपनी शादी में हिंसा और उत्पीड़न झेल रही थी. अब तो फिर भी हमारा भारतीय समाज बदल रहा है. 


रेमंड (Raymond) के मालिक गौतम सिंघानिया ने तोड़ा  32 साल पुराना रिश्ता


खासकर भारत का एलिट क्लास तो शादी और तलाक पर अपने व्यक्तिगत विचार रखता है. फिल्म इंडस्ट्री से लेकर बिजनेस क्लास इसपर खुलेआम बात करते हैं. सचिन पायल का सारा अब्दुल्ला से तलाक,  मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान की 19 साल की शादी टूट गई है और दोनों ने तलाक ले लिया. इन दिनों भारत का नामी बिजनेसमैन और गारमेंट ग्रुप रेमंड (Raymond) के मालिक गौतम सिंघानिया की जिंदगी सोशल मीडिया पर छाई हुई है. खबर यह है कि गौतम सिंघानिया पत्नी नवाज मोदी से तलाक ले रहे हैं. कुछ दिन पहले सिंघानिया ने एक्स जोकि पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था उस पर एक पोस्ट शेयर की. जिसमें उन्होंने बताया कि वह और उनकी पत्नी नवाज मोदी के रास्ते अब अलग हो रहे है. आगे वह लिखते हैं कि यह दीपावली पहले जैसी नहीं है. मैं और नवाज के रास्ते अब अलग हैं. 


इन शादियों को टूटता हुआ देखकर सवाल यही है कि आखिर ऐसे क्या कारण है जो शादी में इतने सालों तक एक दूसरे के साथ रहने के बाद कपल्स अलग होने का फैसला लेते हैं. इन्ही सभी मुद्दों पर ABP लाइव हिंदी ने मनोवैज्ञानिक विनिता त्रिपाठी से खास बातचीत की. जिसमें तलाक को लेकर काफी कुछ फैक्ट्स शेयर किया.


इन कारणों की वजह से इतनी लंबी शादी भी एक रात में टूट जाती है


जब हमने यह पूछा कि शादी में इतने साल रहने के बाद कपल्स तलाक लेते हैं आखिर इसके पीछे सबसे बड़ा कारण क्या हो सकता है? इस पर विनिता त्रिपाठी कहती हैं कि तलाक किसी भी इंसान की पर्सनल च्वाइस होती है. हर इंसान के अलग-अलग कारण हो सकते हैं.  इस पर कमेंट तो नहीं कर सकते हैं. लेकिन तलाक के ज्यादातर केसेस की वजह एक्सट्रा मैरिटल अफेयर, एडजेस्टमेंट न करना, लव मैरिज. हिंसा-उत्पीड़ भी हो सकता है.  कई बार ऐसा होता है कि एक कपल्स की शादी इसलिए चल रही है कि उनका पार्टनर एडजेस्टमेंट कर रहा है. लेकिन जब वही पार्टनर एडजेस्टमेंट करना बंद कर देता है तो शादी टूट जाती है. 


जिन लोगों की नई-नई शादी हुई है और कुछ समय के बाद तलाक लेने की अर्जी डालते हैं तो कुल मिलाकर कारण यही होता है कि दोनों एक दूसरे समझ नहीं रहे हैं या दोनों में से एक एडजेस्ट करने को तैयार नहीं है. लेकिन शादी में इलने साल साथ रहने के बाद अलग होने का फैसला करना अक्सर इसी वजह से होता है दोनों में से किसी एक का अफेयर चल रहा हो या अब बस वो साथ रहना नहीं चाहते हैं. विनिता त्रिपाठी बताती हैं कि एलिट क्लास में ऐसी शादी ज्यादा टूट रही हैं क्योंकि उन्हें किसी बात चिंता नहीं होती वह आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से स्वतंत्र है खुद के फैसले के लिए. 


मीडिल क्लास में भी तलाक हो रहे हैं?


आजकल की यंग जेनरेशन पढ़ी लिखी है. खासकर लड़की शादी से करने से पहले काफी कुछ सोच-समझकर फैसला लेती है. सिर्फ इतना ही नहीं 60-70 प्रतिशत आज की पीढ़ी जॉब और करियर सेट करने के बाद ही शादी का फैसला लेती हैं. इसके पीछे यह भी कारण है कि आजकल के माता-पिता बच्चों की परवरिश कुछ इस हिसाब से कर रहे हैं कि वह अपने फैसले अपने हिसाब से लें. सबसे बड़ी बात यह है कि खुद के लिए फैसले लेने के लिए सबसे पहले आपको आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनना पड़ेगा. तभी जाकर आप अपना सही-गलत सोच सकते हैं. ऐसे में अगर उनकी शादी नहीं चलती है तो फिर उस शादी से निकलना ही बेहतर मानती है. क्योंकि वह समझ रही हैं कि उनके लिए क्या सही और क्या गलत है?


दूसरे देशों की तुलना में भारत में तलाक की दर


अक्सर लोगों का मानना है कि एक खराब शादी में रहने से अच्छा है कि आप अकेले रहें. और अपने हिसाब से जिंदगी के फैसले लें. ताकि आने वाला फ्यूचर आपके और आपके बच्चे के लिए खुशहाल हो. 'वर्ल्ड ऑफ़ स्टेटिस्टिक' के मुताबिक यूरोप और अमेरिका की तुलना में एशियाई देशों में खासकर भारत में रिश्ते कम टूटते हैं. भारत में तलाक के सिर्फ एक प्रतिशत मामले हैं वहीं वियतनाम दूसरे नंबर है जहां पर सिर्फ 7 प्रतिशत ही शादियां टूटती है. अब महिलाएं या पुरुष अपनी टॉक्सिक रिलेशनशिप को लेकर खुलकर बोलते हैं इसलिए हम यह कह सकते हैं भारत में तलाक को लेकर लोगों की धारणा में काफी ज्यादा बदलाव हुए हैं.