Guru Purnima 2021 Date & Muhurat: गुरु को सभी धर्मों में विशेष महत्व दिया गया है. हिंदू धर्म में गुरु को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है. गुरु पूर्णिमा का पर्व जीवन में गुरु के विशिष्ट स्थान को दर्शाता है. इस दिन गुरु का आदर और सम्मान कर, आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि बना गुरु के ज्ञान प्राप्त करना कठिन है. अच्छा गुरु जीवन में रोशनी लाने का कार्य करता है, जिससे जीवन में प्रकाश ही प्रकाश जगमगाने लगता है. ज्ञान की रोशनी हर प्रकार के अंधकार को मिटाती है. इसीलिए गुरु का स्थान सर्वोपरि है.
गुरु पूर्णिमा कब है?
आषाढ़ मास को हिंदू कैलेंडर का चौथा मास माना गया है. आषाढ़ मास का आरंभ 25 जून 2021 से होगा. पंचांग के अनुसार 24 जुलाई 2021 को आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि है. इस पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा और आषाढ़ गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
गुरु पूर्णिमा 2021 (Guru Purnima 2021 Date)
- गुरु पूर्णिमा: 24 जुलाई
- पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 23 जुलाई, शुक्रवार को प्रात: 10 बजकर 43 मिनट से.
- पूर्णिमा तिथि का समापन: 24 जुलाई, शनिवार को प्रात: 08 बजकर 06 मिनट पर.
गुरु पूर्णिमा पर गुरु का प्राप्त करें आशीर्वाद
गुरु का आशीर्वाद नित्य ही लेने का प्रयास करना चाहिए. शास्त्रों में गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुजनों को समर्पित है. हिंदू धर्म में गुरु को ईश्वर से भी अधिक पूज्नीय माना गया है. ज्योतिष गणना के अनुसार गुरु पूर्णिमा के पर्व से ही वर्षा ऋतु का आरंभ होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का भी विशेष पुण्य बताया गया है. इस दिन महाभारत के रचयिता महर्षि व्यास का जन्मदिन भी मनाया जाता है. इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
गुरु पूर्णिमा पर क्या करें
इस गुरुजनों को उपहार आदि देना चाहिए. उनका सम्मान करना चाहिए. गुरु के बताए गए मार्गों पर चलने का प्रण लेना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ पूर्णिमा से अगले चार माह अध्ययन के लिए उत्तम होते हैं. इसलिए इस दिन से अध्ययन क्रिया को अनुशासित बनाना चाहिए. जीवन शैली को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए.
यह भी पढ़ें:
Shani Dev: आषाढ़ मास के दूसरे शनिवार को शनि देव को करें प्रसन्न, साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलेगा आराम