Happy Chocolate Day Shayari Hindi 2021: दुनिया में कई चीजें हैं जो वक्त की धूल में मिट जाया करती है, लेकिन एक लफ्ज़ मोहब्बत है जो था भी, है भी और हमेशा रहेगा भी. अशफ़ाक़ हुसैन ने क्या खूब कहा है. कि


मोहब्बत और मोहब्बत का शजर बाक़ी रहेगा
चले जाएँगे हम लेकिन सफ़र बाक़ी रहेगा


निश्चित तौर पर प्रेम करने वाले खत्म हो सकते हैं लेकिन उनके प्रेम के दास्तान कभी खत्म नहीं हो सकती है. वैसे तो प्यार करने वालों के लिए कोई वक्त या महीना मायने नहीं रखता लेकिन फिर भी बात जब वेलेंटाइन वीक की हो तो इसे हर कोई अपने चाहने वाले के लिए स्पेशल बनाना चाहता है. आज चॉकलेट डे है. आज हम आपको कुछ ऐसे शेर, ग़ज़ल और नज़्म बताने जा रहे हैं जो आपको प्रेम के इज़हार करने में भी मदद करेगी और अगर आप पहले से ही इश्क़ में हैं तो आपके इश्क़ का रंग भी और गाढ़ा करेगी.


प्रेम के इज़हार का सबसे अच्छा तरीका है गुलाब का फूल देना और हालांकि इसपर मीर तक़ी मीर ने कहा है कि माशूक के लब ही गुलाब की पंखुड़ी जैसी है


नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है


हालांकि प्रेम में हर हाल में गुलाब देना सबको पसंद आता है. बेशक गुलाब के बगीचे में लिखा हो कि फूल तोड़ना मना है लेकिन इश्क़ में रिस्क लेकर प्रेम करने वाले गुलाब तोड़ कर अपने महबूब या महबूबा को पेश कर दी देते हैं.


फूल खिले हैं लिखा हुआ है तोड़ो मत
और मचल कर जी कहता है छोड़ो मत


इश्क़ किसी महंगे तोहफे की मोहताज नहीं होती वो बस छोटी-छोटी खुशियों से बढ़ती है. फ़हीम गोरखपुरी की नज़्म देखिए ज़ाहिद इमरोज़


इज़हार मोहब्बत के लिए लाज़मी नहीं
कि फूल ख़रीदे जाएँ
किसी होटल में कमरा लिया जाए
या परिंदे आज़ाद किए जाएँ


इज़हार-ए-मोहब्बत के लिए तुम अपने बोसे
काग़ज़ में लपेट कर भेज सकती हो
जिस तरह मैं ने अपने जज़्बे
तुम्हें पोस्ट कर दिए हैं


कई बार लोगों को प्रेम में सफलता नहीं मिलती. ऐसे में अगर आप जिसे पसंद करते हैं वो किसी और को दिल दे बैठी हो तो इश्क़ में टूटे दिल को फ़हीम गोरखपुरी का ये शेर बखूबी बयां करता है. आप भी अपने जज़्बात इस शेर से बयां कर सकते हैं


आप को ग़ैर से उल्फ़त हो गई
हाँ जभी तो मुझ से नफ़रत हो गई


मोहब्बत पर ये शेर आपके काम आ सकती है


मोहब्बत को समझना है तो नासेह ख़ुद मोहब्बत कर
किनारे से कभी अंदाज़ा-ए-तूफ़ाँ नहीं होता


ख़ुमार बाराबंकवी


मिट जाएँगे हम उन को ख़बर तक नहीं होगी
ये सोच के करना पड़ा इज़हार-ए-मोहब्बत

हुमैरा गुल तिश्ना


मिरी पहली कमाई है मोहब्बत
मोहब्बत जो तुम्हें मैं दे चुका हूँ
नदीम भाभा


अंत में यही मंशवरा है कि इश्क़ करिए लेकिन ज़रा सोचकर. इश्क़ में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. यह बात हम नहीं बल्की सुदर्शन फ़ाकिर कह चुके हैं.


इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो