Happy Independence Day 2022: वतन पर मर-मिटने से पहले ऐसे थे आजादी के दीवानों के बोल
Inspiring Quotes: आजादी के दीवानों से अपनी कलम से देशभक्ति का ऐसा संदेश दिया था कि भारत का हर शख्स देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार था. ये थे भगतसिंह से लेकर इकबाल तक के बोल.
Quotes For Independence Day: भारत को आजादी दिलाने के लिए न जाने कितने वीर सपूतों ने अपनी कुर्बानी दी है. हम जब-जब आजादी का जश्न मनाते हैं, तो भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां जैसे हजारों दीवानों की याद आती है. इनके लिए देश से ऊपर कुछ नहीं था. आजादी के लिए कोई फांसी पर चढ़ा तो किसी ने सीने पर गोलियां खाईं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम उनकी लिखी कुछ पंक्तियां आपके लिए लाए हैं, जिन्हें पढ़कर आप भी देशभक्ति से भर जाएंगे.
1- उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे जफा क्या है...
उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे जफा क्या है
हमें यह शौक हैं देखें सितम की इंतहा क्या है
दहर से क्यों खफा रहें, चर्ख का क्यों गिला करें
सारा जहां अदू सही आओ मुकाबला करें
भगत सिंह
2- कोई दम का मेहमां हूं एक अहले महफिल...
कोई दम का मेहमां हूं एक अहले महफिल
चरागे शहर हूं, बुझा चाहता हूं
हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली
ये मुश्ते खाक है, फानी रहे न रहे
भगत सिंह
3- सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है...
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है
करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है
बिस्मिल अज़ीमाबादी
4- ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार...
ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचा गैर की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमान,
बिस्मिल अज़ीमाबादी
5- दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे...
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे
आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे
चंद्रशेखर आजाद
6- वह गुलशन जो आबाद था गुजरे जमाने में
मैं शाखे खुश्क हूं उजड़े गुलिश्तां का
अशफाक उल्ला खां
7- शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले...
शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा
अशफाक उल्ला खां
8- खुदी को कर बुलंद इतना की हर तक़दीर से पहले,
खुदा बन्दे से खुदे पूछे बता तेरी रज़ा क्या है.
अल्लामा इकबाल
9- कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहां हमारा
अल्लामा इकबाल
10 -सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा,
हम बुलबुलें हैं इसकी,ये गुलिस्तां हमारा
अल्लामा इकबाल
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