New Year 2022: 1 जनवरी को नया साल मनाने के पीछे ये है कारण, जानें इसका पूरा इतिहास
New Year 2022: नये साल की शुरुआत पूरी दुनिया में पारंपरिक ग्रिगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) के अनुसार मानी जाती है. 1 जनवरी को नये साल के रूप में मनाने की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 में हुई थी.
Happy New Year 2022: कुछ ही दिनों में पूरी दुनिया साल 2021 का स्वागत (Happy New Year 2022) करेगी. साल 2020 में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) शुरू होने के बाद से ही लोगों की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है. देखा जाए तो पिछले दो साल मानव जाति के लिए बहुत मुश्किल भरे रहे हैं. लेकिन, इन सारी पुरानी यादों को छोड़कर लोग नए साल का स्वागत करने को बिल्कुल तैयार है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हर साल 1 जनवरी को ही क्यों नया साल मनाया जाता है? नये साल 1 जनवरी को मनाने के पीछे क्या कारण है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि 1 जनवरी नया साल मनाने के पीछे क्या कारण (Why New Year is Celebrated on 1 Jan) है.
जानें नये साल के इतिहास के बारे में-
नये साल की शुरुआत पूरी दुनिया में पारंपरिक ग्रिगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) के अनुसार मानी जाती है. 1 जनवरी को नये साल के रूप में मनाने की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 में हुई थी. इस कैलेंडर की शुरुआत करने वाले लोग ईसाई थे. इससे पहले पूरी दुनिया रूस का जूलियन कैलेंडर (Julian calendar) फॉलो करती थी.
इस कैलेंडर में केवल 10 ही महीने थे. बता दें कि इस कैलेंडर में क्रिसमस (Christmas Day) के दिन ही नये साल की शुरुआत होती थी. इसके बाद अमेरिका के नेपल्स के फिजिशियन एलॉयसिस लिलिअस ने एक बेहद नया कैलेंडर दुनिया के सामने पेश किया. यह ग्रिगोरियन कैलेंडर था जिसमें 1 जनवरी को साल का पहला दिन माना गया. इसके बाद से ही पूरी दुनिया में 1 जनवरी को नया साल मनाने की प्रथा चली आ रही है.
भारत में नया साल
आपको बता दें कि हमारे देश में प्रांत और धर्मों के अनुसार हर कोई नया साल मनाता है. पंजाब के लोग 13 अप्रैल को बैसाखी के रूप में अपना नया साल मनाते हैं. इसके अलावा सिख धर्म को मानने वाले इसे नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मार्च में होली के दूसरे दिन अपना नया साल मनाते हैं. जैन धर्म को मानने वाले लोग दिवाली के दूसरे दिन नया साल मनाते हैं.