भारत में कई तरह की चटनी बनाई जाती है. खाने के स्वाद को बढ़ाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. अभी तक आपने नारियल, प्याज और टमाटर से बनी चटनी के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं चटनी की एक और किस्म भी है?
प्लास्टिक की चटनी का नाम सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगता है लेकिन बंगाल में इसका इस्तेमाल करने का चलन है. चटनी की मुख्य सामग्री में कच्चे, हरे पपीते को चीनी और नींबू जूस से मीठास लाई जाती है. कच्चा आम या अनानास के नहीं मिलने पर प्लास्टिक की चटनी को विकल्प के तौर पर शामिल किया जाता है. कच्चे आम की चटनी की तरह इसके प्लास्टिक जैसे बनावट की वजह से नामकरण किया गया है. जब सभी सामग्री को एक साथ शामिल कर लिया जाता है तब प्लास्टिक चटनी तैयार हो जाती है. मीठी प्लास्टिक की चटनी घर पर आसानी से तैयार की जा सकती है.
बनाने के लिए सामग्री की जरूरत
डेढ़ कप- छोटे-छोटे टुकड़ों में कटा हुआ आधा कच्चा पपीता
डेढ़ कप- पानी
एक चौथाई चम्मच- नमक
सात चम्मच- चीनी
दो चम्मच- नींबू रस
किशमिश
बनाने का तरीका
कच्चे पपीते की छाल उतारकर आधे टुकड़े में काट लें
बीजों और सख्त परत को बीच से हटा दें
तेज चाकू से अब पपीते को बारीक टुकड़ों में काट कर पानी में 15 मिनट कर भिगो दें
कढ़ाही में पानी को शामिल करें. जब पानी उबलने लगे तो उसमें पपीते को खौलने दें. इस तरह पांच मिनट तक पकाएं. उसके बाद थोड़ा नमक और चीनी एक साथ मिला लें
कढ़ाही को 10 मिनट तक ढंक कर रखें या पपीता के नर्म होने तक रखें.
फिर किशमिश को मिलाकर कढ़ाही को ढंक दें और धीमी आंच पर पकाएं
जब पककर तैयार हो जाए तो नींबू जूस को शामिल करें. फिर दूसरी बार तीन मिनट तक पकाएं.
पपीता पारदर्शी हो जाए तब ठंडा होने पर प्लास्टिक की चटनी बनकर खाने के योग्य हो जाती है
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