मौसम में बदलाव के साथ संक्रमण और बीमारियों का खतरा आता है. कोरोना वायरस से होनेवाली महामारी ने खतरे को और ज्यादा बढ़ा दिया है. ऐसे समय में खांसी विकसित हो सकती है. ये नाक की निकासी में जलन के कारण स्वाभाविक क्रिया के तौर पर होती है. जबकि गीली खांसी कफ और बलगम को बढ़ाती है. इसके विपरीत, सूखी या अनुत्पादक खांसी से ऐसा नहीं होता.
सूखी खांसी बिल्कुल लगातार हो सकती है और लंबे समय तक आपको परेशान कर सकती है. ये अस्थमा, पोस्ट नेसल ड्रिप या एसिड रिफ्लक्स का लक्षण हो सकता है. आपको बता दें कि पोस्ट नेसल ड्रिप नाक या साइनस से गले के पिछले हिस्से में बलगम के बहने को बताता है जबकि पेट में सामान्य रूप से मौजूद पाचन के लिए एसिड अन्न प्रणाली या घेघा में अचानक से वापस आने पर एसिड रिफ्लक्स कहलाता है. जब सूखी खांसी का लक्षण हल्का हो तो इसका देसी इलाज आसान तरीके से किया जा सकता है.
हल्दी
हल्दी में सूजन रोधी और एंटी बैक्टीरियल गुण होता है. ये सूखी खांसी को कम करने में मदद कर सकता है. हल्दी से बनी चाय सूखी खांसी की समस्या से निजात के लिए पीएं.
अदरक
अदरक में एंटी वायरल गुण होता है. ये इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. बेहतरीन नतीजों के लिए, अदरक को गर्म पानी में थोड़ा शहद के साथ मिलाकर रोजाना पीना मुफीद रहेगा.
भाप
पानी का गर्म भाप नमी लाता है और गले की तकलीफ को राहत पहुंचाता है. इसके अलावा गले के दर्द को आसान करने में मदद करता है. बेहतरीन नतीजों के लिए भाप लेते वक्त अपने सिर पर एक तौलिया डाल लें.
मिर्च
मिर्च में एंटी बॉयोटिक और राहत पहुंचाने वाले गुण होते हैं. ये सर्दी और खांसी को कम करने में मदद करते हैं. मिर्च विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है और सूखी खांसी दूर करने में प्रभावी होता है.
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