कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में स्कूल, कॉलेज बंद हैं. शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से बच्चे ऑनलाइन क्लास लेने पर मजबूर हैं. मगर क्या आप जानते हैं ऑनलाइन क्लास के दौरान स्क्रीन टाइम कैसे आपके बच्चों को प्रभावित कर रहा है?


डॉक्टरों के पास इन दिनों एंटी क्लीयर चश्मे और आंखों की परेशानियों की शिकायतों की भरमार है. अभिभावक अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं. इसलिए उन्हें डॉक्टरी सलाह लेने के लिए जाना पड़ रहा है. गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ अनीता सेठी का कहना है कि बच्चों पर स्क्रीन टाइम के पड़नेवाले प्रभाव के बारे में अभिभावकों की चिंता साफ देखी जा सकती है. उन्होंने अभिभावकों को कुछ हिदायतों के पालन की सलाह दी है.


डॉक्टर अनीता के मुताबिक स्क्रीन का समय कम करना अच्छा फैसला है क्योंकि ज्यादा स्क्रीन देखने से बच्चों में कई सारी समस्याएं आने लगती हैं. जैसे, कभी-कभी सिर दर्द, सूखेपन से आंखों में जलन, दृष्टि की कमजोरी इत्यादी कारण हो सकते हैं. उनका कहना है कि कुछ अन्य बातों का ख्याल रखना भी जरूरी होगा.


बैठने की पोजीशन- लैपटॉप या फोन लेट कर न देखें बल्कि कुर्सी और टेबुल इस्तेमाल करें. लैपटॉप या फोन आंखों की सतह पर होना चाहिए. ऑनलाइन क्लास के वक्त स्क्रीन को 33 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें क्योंकि मोबाइल और लैपटॉप के स्क्रीन में कोई खास फर्क नहीं होता है. दोनों को स्टैंड पर रखकर ऑनलाइन क्लास में शामिल हों.


पर्याप्त रोशनी- कई बार बच्चे अंधेरे कमरे में लैपटॉप या फोन की रोशनी की मदद से पढ़ना शुरू कर देते हैं. ऐसे में ये सुनिश्चित करें कि कमरे में काफी रोशनी हो.


ब्रेक लेते रहें- बड़े बच्चों को क्लास के अलावा भी अन्य काम के लिए मोबाइल या लैपटॉप की जरूरत होती है. ऐसी परिस्थिति में छोटे और बड़े बच्चे बीच-बीच में थोड़ा देर ब्रेक लेते रहें. पलके झपकाएं और दूर कुछ तलाश करें. इससे आंखों को राहत मिलेगी.


एंटी क्लीयर चश्मा- ज्यादा स्क्रीन टाइम बिताने वाले बच्चों को चाहिए कि एंटी क्लीयर चश्मा इस्तेमाल करें. मगर ये कभी न सोचें कि आपका बच्चा जितनी देर चाहे स्क्रीन देख सकता है. दरअसल एंटी क्लीयर चश्मा सीमित समय के साथ आंखों को सुरक्षित रखने का एक तरीका है.


सही तरीके से बैठना- डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप बैठने के तरीके पर ध्यान नहीं देंगे तो कमर, गर्दन, कंधों में दर्द होने की आशंका रहती है. शारीरिक गतिविधि की कमी से वजन में वृद्धि का सामना भी करना पड़ सकता है.


काम की खबर: बारिश के मौसम में बरतनी चाहिए ये सावधानियां, इन बातों का रखें ध्यान


इम्यूनिटी बूस्टर: इन टिप्स के साथ मानसून में आपकी हेल्थ होगी बूस्ट