बहुत लंबे समय से कलौंजी का इस्तेमाल कई बीमारियों के खिलाफ घरेलू नुस्खे के तौर पर किया जा रहा है. कलौंजी को फूड के तौर पर खाया भी जा सकता है. रिसर्च से पता चला है कि इसमें पाया जानेवाला एंटी ऑक्सीडेंट्स सेहत पर मजबूत असर रखता है. एंटी ऑक्सीडेंट्स ऐसे घटक हैं जो नुकसानदेह फ्री रेकिल्स को निष्क्रिय करते हैं. ये शरीर में रुके हुए हर किस्म के अपशिष्टों को बाहर निकालने का काम करती है.
कलौंजी सेहत के लिए जबरदस्त मुफीद
कलौंजी को ब्रेकफास्ट में शामिल करने पर मेटाबोलिज्म दुरुस्त होता है. इसके अलावा कब्ज की तकलीफ को दूर करने में मदद मिलती है. ब्रेकफास्ट में खाने पर ताकत के साथ ऊर्जा बहाल कर इम्यूनिटी बढ़ाने का भी काम करती है. कलौंजी हर तरह के वायरल संक्रमण, नजला, जुकाम, खांसी और निमोनिया समेत छाती की परेशानी से भी बचाती है. कई यौगिक जैसे थाइमोक्विनॉन और कार्वाक्रोल कलौंजी के संभावित एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के जिम्मेदार होते हैं. हालांकि, इस बात का पता लगाने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है कि एंटी ऑक्सीडेंट इंसानी सेहत को कैसे प्रभावित कर सकता है. मगर, कलौंजी खासकर कोलेस्ट्रोल को कम करने में प्रभावी माना गया है. बैक्टीरिया से होनेवाली बीमारी का खतरनाक संक्रमण, कान के संक्रमण से लेकर निमोनिया तक होता है.
कलौंजी से फायदा कैसे उठाया जाए?
कलौंजी को आप अपने आहार जैसे दही और नींबू के रस में मिलाकर पी सकते हैं. इसी तरह ब्रेकफास्ट या रात के भोजन में भी उसके चंद दाने छिड़क कर खा सकते हैं. कलौंजी का तेल पाउडर के मुकाबले ज्यादा प्रभावी होता है. लेकिन पाउडर भी अच्छा कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ाने में मददगार है. दातों की तकलीफ होने पर दही में कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में दो बार इस्तेमाल करे. उससे मसूढ़े मजबूत हो सकते हैं.
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