रेड मीट का सेवन स्वास्थ्य के लिए मुफीद बताया गया है. नए शोध में बताया गया है कि स्वस्थ तरीके से उसको आहार में शामिल कर मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) के खतरों को कम किया जा सकता है. गौरतलब है कि MS एक ऐसी बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली नसों के सुरक्षात्मक कवच को खा जाती है जिससे नस को नुकसान पहुंचता है. नस को नुकसान पहुंचने से मस्तिष्क और शरीर के बीच संचार बाधित हो जाता है.


रेड मीट के सेवन से MS का खतरा होता है कम


न्यूट्रिशियन जर्नल में प्रकाशित शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 2003-2006 के बीच डाटा का इस्तेमाल किया. उन्होंने अपने अध्ययन में मेडिटेरेनियन डाइट के तौर पर असंसाधित रेड मीट जैसे पॉर्क, मटन और सीएनएस डिमीलेशन (CNS demyelination) के बीच संबंध का पता लगया. टीम का हिस्सा रहे शोधकर्ता डॉक्टर लुसिंडा ब्लैक ने बताया कि खराब खान-पान, विटामिन डी की कम मात्रा और सूरज की रोशनी कम मिलने से MS बढ़ने की आशंका रहती है. स्वस्थ मेडिटेरेनियन डाइट के तौर पर असंसाधित रेड मीट का प्रतिदिन सेवन ( करीब 65 ग्राम) MS के खतरों को कम करने में मदद पहुंचाता सकता है. शोध के अंत में सलाह दी गई कि मेडिटेरेनियन डाइट में असंसाधित रेड मीट को शामिल करना उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जिनको MS का सबसे ज्यादा खतरा है.


शोध में मान्यताओं के विपरीत बताया गया फायदा


आपको बता दें कि मेडिटेरेनियन डाइट का मतलब मेडिटेरेनियन देशों के आहार से होता है. इसमें फल, सब्जियां, अनाज, आलू, जैतून का तेल, सीड्स, फिश, लो सैचुरेटड फैट, डेयरी प्रोडक्‍ट और रेड मीट की अधिकता होती है. इससे मसल, मांस और हड्डियों को मजबूत करने में मदद पहुंचती है. इससे पहले रेड मीट को क्रोनिक बीमारियों का जिम्मेदार बताया जाता रहा है. उसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल की उच्च मात्रा प्राप्त होती है. रेड मीट में प्रोटीन की उच्च मात्रा होने के से सैचुरेटेड फैट सप्लाई का कारण बनता है. जिससे शरीर का वजन और ब्लड प्रेशर लेवल का संतुलित रहना मुश्किल हो जाता है. मगर स्वस्थ तरीके से रेड मीट का सेवन कर शरीर को होनेवाले नुकसान से बचाया जा सकता है.


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