गैस की शर्मिंदगी से लेकर पेट की असुविधाजनक स्थिति तक, हर शख्स को पाचन की समस्याओं सो कभी-कभी जूझना पड़ता है. उससे न सिर्फ असुविधा हो सकती है बल्कि कुछ मामलों में दर्द भी होता है. हालांकि, अच्छे आंत की सेहत के लिए स्वस्थ खाना जरूरी है यानी बदले में अच्छे पाचन के लिए महत्वपूर्ण. लेकिन क्या आप जानते हैं खाना ही सिर्फ एक विज्ञान है जो शरीर की बेहद मदद कर सकता है?
डॉक्टर दीक्षा भावसार के मुताबिक, आप आयुर्वेद में अच्छे पाचन के लिए सही खाने के तरीके पा सकते हैं. उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, "आयुर्वेद खाने के लिए सटीक मार्गदर्शन करता है, खासकर जब मामला पाचन का हो."
इंस्टाग्राम के प्रमुख अंश
उस वक्त खाएं जब आपको भूख लगी हो. कहने का मतलब ये है कि पहले का खाया हुआ भोजन अच्छी तरह से पच गया हो. कभी-कभी हम सोच सकते हैं कि हमें भूख लग है, लेकिन ये सिर्फ उस वक्त हो सकता है जब हम डिहाइड्रेट हों.
शांत और आरामदेह जगह पर खाएं. खाना खाते वक्त बैठ जाएं और जितना संभव हो उतना कम व्याकुलता से खाएं. इस दौरान टीवी, लैपटॉप, फोन और किताब का इस्तेमाल मत करें.
सही मात्रा खाएं. हम सब विभिन्न जरूरतों और विभिन्न पेट के आकार और मेटाबोलिक रफ्तार के साथ अलग हैं, आप अपने शरीर के सुनें और संतुष्ट होने तक खाएं.
भोजन की अच्छी मात्रा खाएं. सुनिश्चित करें कि आपका भोजन रसदार हो या थोड़ा ऑयली हो क्योंकि इससे पाचन की सुविधा मिलेगी और पौष्टिक तत्वों का अवशोषण सुधारेगा. बहुत ज्यादा सूखे हुए भोजन के इस्तेमाल से बचें.
असंगत खाद्य सामग्रियों के साथ न खाएं. इससे पेट की गड़बड़ी हो सकती है. कुछ असंगत खाद्य-पदार्थों में फल, दूध और मछली है.
खाने के वक्त मौजूद रहें. अपनी पांचों ज्ञानेंद्रियों का इस्तेमाल करें. अपने भोजन की गंध, प्लेट का आकार, खाने की बनावट, और विभिन्न जायका की सराहना करने के लिए समय निकालें.
तेजी से न खाएं. भोजन को निगलने के बजाए चबाने पर समय लगाएं. चबाना पाचन की दिशा में एक जरूरी कदम है.
नियमित समय पर खाएं. प्रकृति को चक्र और नियमितता पसंद है, इसलिए हमें इसका पालन करना चाहिए.
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