पाबंदी से हॉट बाथ दिल की बीमारी के लिए फायदेमंद है. शोध में बताया गया है कि हॉट बाथ दिल की बीमारी और स्ट्रोक से होनेवाली मौत के खतरे को कम कर सकता है. 'हार्ट' पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक रोजाना हॉट बाथ हफ्ते में एक या दो बार की तुलना में ज्यादा सुरक्षित साबित हुआ है.
क्या हॉट बाथ से दिल के रोग का खतरा होता है कम?
जापान के शोधकर्ताओं ने कहा, "हमने पाया कि पाबंदी से हॉट बाथ का संबंध हाइपरटेंशन के कम खतरे से जुड़ा है. इसका मतलब हुआ कि दिल की बीमारी के खतरे पर ट्यूब बाथ मुफीद प्रभाव डालता है. कुछ मामलों में हाइपरटेंशन के बढ़े हुए खतरे को कम सकता है." शोध में कहा गया है कि अच्छी नींद और स्वास्थ्य का संबंध नहाने से जुड़ा जरूर है. मगर अभी ये साफ नहीं है कि लंबे समय में इसका हार्ट अटैक, अचानक दिल के दौर से मौत और स्ट्रोक पर क्या प्रभाव पड़ता है. इसको समझने के लिए शोधकर्ताओं ने जापान पब्लिक हेल्थ सेंटर में 45-59 साल के 61 हजार लोगों के डेटा का अध्ययन किया.
जापान के शोधकर्ताओं ने किया सनसनीखेज दावा
1990 में शोध की शुरुआत के दौरान 43 हजार वॉलेंटियर ने विस्तृत सवालनामे को पूरा किया. जिसमें उन्होंने नहाने की आदत, जीवनशैली, कसरत, स्वास्थ्य, दवा-इलाज, वजन, आहार और औसत नींद की अवधि के बारे में बताया. दिसबंर 2009 के अंत में हर वॉलेंटियर की मौत या शोध के पूरा होने तक निगरानी की गई. निगरानी अवधि के दौरान दिल संबंधी बीमारी के 2097 मामले सामने आए. उनमें हार्ट अटैक के 275, अचानक दिल के दौरे से मौत के 53 और 1769 स्ट्रोक के मामले शामिल थे. संभावित प्रभावकारी कारकों को ध्यान में रखते हुए डेटा के अध्ययन से पता चला कि हफ्ते में एक या दो बार या बिल्कुल नहीं नहानेवालों की तुलना में रोजाना हॉट बाथ से 28 फीसद दिल की बीमारी का जोखिम कम पाया गया.