फूड से हमें न सिर्फ ऊर्जा मिलती है बल्कि हमारी रोजाना कार्य क्षमता भी ठीक रहती है. फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां फूड आइटम होते हैं. इनके सेवन से विटामिन और मिनरल की प्राप्ति होती है. विटामिन और मिनरल शरीर के अलग-अलग काम को करते हैं. शरीर के स्वास्थ्य में ये सभी पौष्टिक आहार की खास भूमिका होती है. आयरन हीमोग्लोबिन निर्माण के लिए जरूरी होता है जबकि कैल्शियम से हड्डियां मजबूत होती हैं. इसी तरह जिंक इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है.


प्रतिदिन शरीर के जरूरी काम के लिए पौष्टिक तत्वों की खास मात्रा की जरूरत होती है. लेकिन उम्र, लिंग और स्वास्थ्य की स्थिति में अंतर होने से पौष्टिक तत्वों की जरूरत भी अलग हो जाती है. हालांकि पुरुष-महिलाओं के जैविक अंतर होने के चलते महिलाओं को कुछ पौष्टिक तत्वों की ज्यादा जरूरत पड़ती है. प्रेग्नेन्सी, मासिक धर्म, मेनोपॉज महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं. लिहाजा स्वस्थ रहने के लिए उन्हें खास फूड के सेवन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.


25 साल के नीचे की महिलाएं


कैल्शियम
कैल्शियम हड्डियों की मजबूती और शरीर के सही विकास के लिए जरूरी होता. इसके अलावा मांसपेशियों, नर्व सिस्टम के विकास में मदद करता है. बचपन और 20 साल की उम्र में बोन डेंसिटी निर्माण की अहमियत होती है. 20 साल के बाद बोन विकार का खतरा रहता है. डेयरी उत्पाद, सोया और मछली का सेवन कैल्शियम प्राप्ति का अहम जरिया हैं. महिलाओं को प्रतिदिन एक हजार मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है.


विटामिन डी
कैल्शियम को खपाने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. इसके बिना पर्याप्त कैल्शियम का खपना मुश्किल हो जाता है. विटामिन डी हासिल करने का सबसे अच्छा स्रोत सूरज होता है. इसके अलावा सालमन मछली, अनाज और ओकरा जैसे फूड से भी पर्याप्त विटामिन डी मिलता है.


आयरन
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को आयरन की कमी हो जाती है. यहां तक कि गर्भावस्था में भी स्वस्थ लाल रक्त कोशिका का लेवल बहाल रखने के लिए आयरन की जरूरत पड़ती है. मासिक धर्म के दौरान आयरन की कमी से महिलाओं का शरीर पीला और कमजोर पड़ जाता है. इसकी कमी दूर करने के लिए मांस, मछली, कद्दू और अनार बेहतरीन फूड होते हैं.


25-40 साल उम्र की महिलाएं 


आयोडीन
बच्चे के शारीरिक विकास के लिए आयोडीन दूसरा जरूरी मिनरल होता है. ये बच्चे के दिमाग में असामान्य वृद्धि को रोकता है. 25-40 साल की उम्र वाली महिलाओं के गर्भवती होने की ज्यादा संभावना रहती है. इसलिए उन्हें 150 माइक्रोग्राम आयोडीन सेवन की सलाह दी जाती है. आयोडीन के अलावा आयरन भी 25-40 साल के ग्रुप की महिलाओं के लिए जरूरी होता है. 25-50 साल की उम्र की महिलाओं को प्रतिदिन 18 मिलीग्राम आयरन चाहिए जबकि गर्भवती महिलाओं को रोजाना 27 मिलीग्राम की जरूरत होती है.


40 साल से ऊपर की महिलाएं


कैल्शियम और विटामिन डी
वृद्धावस्था में बोन का क्षरण आम है. इसलिए चोट और टूट-फूट को रोकने के लिए विटामिन डी के साथ कैल्शियम का सेवन जरूरी हो जाता है. कैल्शियम और विटामिन डी दोनों हड्डी और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं को रोकने में मदद कर करते हैं.


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