माना जाता है कि व्रत शरीर के लिए मुफीद होता है. व्रत में खास फूड सामग्री की जगह हल्के खाने का इस्तेमाल किया जाता है. लोग रोटी, पूरी बनाने के लिए सिंघाड़े का आटा या कुट्टू का आटा इस्तेमाल करते हैं. नवरात्रि के मौके पर ये आटे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं. लेकिन जब बात वजन कम करने और स्वास्थ्य की हो तो आपको जानना चाहिए दोनों में से कौन ज्यादा बेहतर है.


कुट्टू का आटा


कुट्टू के आटे को अंग्रेजी में Buckwheat कहा जाता है. गेहूं से रोजमर्रा का आटा तैयार किया जाता है. ये घास प्रजाति का पौधा होता है जबकि कुट्टू पोलीगोनेसिएइ परिवार का पौधा है. व्रत में बकव्हीट का सेवन आसानी से पच जाता है. आटे में अखरोट का स्वाद होता है और सामान्य आटे के मुकाबले ग्लूटेन मुक्त विकल्प होता है.


कुट्टू का आटा शरीर में ऊष्मा पैदा करता है. इसलिए व्रत के मौसम में इसका सेवन आदर्श माना जाता है. अगर कोई वजन घटाने का मंसूबा बना रहा है और उसे हाई ब्लड प्रेशर और उच्च कोलेस्ट्रोल की शिकायत है तो ये आटा सामान्य आटे का शानदार विकल्प है. कुट्टू के आटे में फॉस्फोरस, विटामिन, मैग्नीशियम और जिंक पाया जाता है. बकव्हीट का पौधा ज्यादा बड़ा नहीं होता है. इसके गुच्छों में फूल और फल आते हैं. भारत में यह बहुत कम जगहों पर उगाया जाता है.


सिंघाड़े का आटा


सिंघाड़ा भी पानी के नीचे उगनेवाला फल होता है. ये सर्दी का फल माना जाता है. हालांकि शाहबलूत आटे के तौर पर ये बाजार में साल भर मिलता है. आटे में पौष्टिकता की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसका कई तरह की डिश तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है. ये आटा सूखे पीसे हुए सिंघाड़े से बनता है. आटा बनाने के लिए नट्स को उबालकर या छीलकर पीसा जाता है. इसका रंग सफेद मलाई जैसा होता है.


वजन घटाने के लिए कुट्टू आटा


कुट्टू आटा वजन कम करने में हैरतअंगेज तरीके से काम करता है. इसमें 75 फीसद जटिल कार्बोहाइड्रेट्स और 25 फीसद उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है. वजन घटाने वालों के लिए ये आदर्श माना जाता है. कुट्टू आटे के सेवन से वजन तेजी से कम होता है. इसमें सामान्य आटों की तुलना में कम कैलोरी पाई जाती है. इसके अलावा ये सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रोल मुक्त होता है और प्रोटीन समेत फाइबर बड़ी मात्रा में पाया जाता है. कुट्टू आटे के सेवन से आयोडीन, मैग्नीशियम और आयरन भी हासिल होता है.


ग्लूटेन मुक्त होने की वजह से कुट्टू का आटा हमारे पाचन के लिए बेहतरीन होता है. डाइट से ग्लूटेन को निकालकर कुट्टू का आटा भार हल्का करनेवालों के लिए हैरतअंगेज फायदे दे सकता है.


वजन घटाने के लिए सिंघाड़ा आटा


सिंघाड़ा आटा में भरपूर फाइबर पाया जाता है. फाइबर देर से पचता है और इस तरह ज्यादा खाने से रोकता है. आटे में पोटैशियम ज्यादा और सोडियम कम पाया जाता है. ये शरीर में पानी जमने में मदद करता है. इसके अलावा, जटिल कार्बोहाइड्रेट्स और दूसरे अन्य ऊर्जा बढ़ानेवाले तत्वों जैसे कैल्शियम, आयरन, जिंक और फॉस्फोरस का प्रमुख स्रोत होता है. नवरात्रि के दौरान हमें ऊर्जा की कमी होती है.


डाइट में सिंघाड़े के आटे को शामिल करने से ऊर्जा का लेवल ऊपर रहेगा. आटे में कोलेस्ट्रोल नहीं होता है और ये कई मिनरल, विटामिन और एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. आटे में कॉपर और राइबोफ्लेविन मिलने की वजह से थॉयराइड की समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है.


फैसला


दोनों आटे की किस्मों में स्वस्थ गुण पाए जाते हैं. हालांकि, कुट्टू आटा से ऊष्मा मिलती है जबकि सिंघाड़ा के आटे में ठंड के तत्व पाए जाते हैं. दोनों आटे के सेवन से भरपूर पौष्टिक तत्व मिलते हैं और वजन घटाने का प्रमुख स्रोत होता है. इसलिए आप संतुलित मात्रा में दोनों का सेवन कर सकते हैं.


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