नई दिल्लीः इसमें कोई शक नहीं कि आज की वाई-फाई जनरेशन बहुत एडवांस हो गई है. लेकिन ये भी सच है कि इसके कई नुकसान भी हैं. जी हां, बात करें स्मार्टफोन की लत का तो आज ये एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. यही कारण है कि बच्चों का भी स्मार्टफोन एडिक्शग का ट्रीटमेंट किया जा रहा है.



बच्चों का होता है स्मार्टफोन की लत का इलाज-
आप बेशक सुनकर चौंक गए होंगे लेकिन ये सच है कि 13 साल और उससे अधिक उम्र तक के बच्चों का स्मार्टफोन एडिक्शन के लिए इलाज हो रहा है. न्यूयॉर्क के एक क्लीनिक पर स्मार्टफोन और वीडियो गेम की लत के कारण बच्चों का इलाज चल रहा है.

न्यूयॉर्क में इकलौता ट्रीटमेंट सेंटर है-
हाल ही में आई स्काई न्यूटज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क सिएटल में रिस्टार्ट लाइफ सेंटर ऐसा इकलौता ट्रीटमेंट सेंटर है जहां टीन्स को डिजीटल एडिक्शन से छुटकारा दिलाया जा रहा है. सेरेनिटी माउंटेन नामक इस ट्रीटमेंट सेंटर में 13 से 18 साल तक के बच्चों का खासतौर पर ट्रीटमेंट किया जाता है.

क्या कहते हैं डॉक्टर-
रिस्टार्ट लाइफ सेंटर का कहना है कि एंडलेस वजुअल इफेक्स से भरपूर इस दुनिया की वजह से पर्सनल और फैमिली रिलेशंस पर बहुत इफेक्ट पड़ रहा है.

सेरेनिटी माउंटेन के फाउंडर डॉ. हिलारी कैश. का कहना है कि जब भी बच्चों को डिजीटल डिवाइस दी जाती है तो बच्चे नैचुरल व्यॉइस और लाइट के बजाय डिजीटल वॉयस और लाइट की तरह ज्यादा अट्रैक्ट होते हैं. इस वजह से बच्चे जल्दी से सोसाइटी से मेल-जोल नहीं कर पाते.

ट्रीटमेंट में एक साल तक का वक्त-
बच्चों के डिजिटल एडि‍क्शन को दूर करने के लिए तकरीबन 8 से 12 वीक्स का वक्त लगता है. कई बच्चों को एक साल तक का भी वक्त लग जाता है.