दिमाग को खाने वाले अमीबा ने ली बच्चे की जान, तालाब में नहाने के कुछ दिन बाद हुई मौत
केरल से खबर आ रही है कि वहां के कोझिकोड में ब्रेन ईटिंग अमीबा के कारण 14 साल के लड़के की मौत हो गई. लड़के की मौत की वजह ब्रेन ईटिंग अमीबा बताया जा रहा है.
केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा के एक के बाद एक केसेस सामने आ रहे हैं. एक बार फिर केरल से खबर आ रही है कि वहां के कोझिकोड में ब्रेन ईटिंग अमीबा के कारण 14 साल के लड़के की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक नाबालिक लड़के का नाम मृदुल है. वह तालाब में नहाने गया था जिसके बाद इंफेक्शन के कारण उसकी मौत हो गई. केरल हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक मृदुल को बुधवार को 11.20 बजे मृत घोषित कर दिया गया.
मई से जुलाई तक केरल का यह तीसरा केस है
मई 2024 के बाद केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा का यह तीसरा केस है. इसका पहला मामला 21 मई को आया था. जिसमें मलप्पुरम की पांच साल की लड़की की मौत हो गई थी. दूसरा 25 जून को कन्नूर से आया था इसमें 13 साल की लड़की मौत हो गई थी. इससे पहले यह बीमारी साल 2023 और 2017 में राज्य के तटीय अलपुझा जिले में रिपोर्ट की गई थी.
आइए जानें इसे नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleri Fowleri) क्यों कहा जाता है?
दरअसल, बोलचाल की भाषा में नेगलेरिया फाउलेरी को ब्रेन ईटिंग अमीबा कहा जाता है. इस मामले के पहले भी भारत और दुनिया के कई देशों में इस अमीबा के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें 97 प्रतिशत चांस ऐसा होता है व्यक्ति बच नहीं पाएगा. इस लाइलाज बीमारी माना जा रहा है. इस बीमारी में ब्रेन के सेल्स खराब होने लगते हैं.
ब्रेन ईटिंग अमीबा नेगलेरिया फाउलेरी क्या होता है?
नेगलेरिया फाउलेरी एक खास तरह का अमीबा होता है. इसे फ्री लिविंग ऑर्गेनिज्म भी कहते हैं. इसका साफ अर्थ है कि जिसे सर्वाइव या सपोर्ट करने के लिए इकोसिस्टम की जरूरत नहीं पड़ती है. यह पूरी दुनिया में कई भी पनप सकता है. आमतौर पर झीलों, नदियो, तालाबों और पानी, गर्म पानी कहीं भी हो सकता है.
यह अमीबा कैसे अपने संक्रमण फैलाता है
इस अमीबा से इंफेक्शन का खतरा तब पैदा होता है जब गंदा पानी आपके नाक के अंदर घुस जाए. इसके कारण अमीबा दिमाग में घुस जाता है. यह अमीबा ब्रेन सेल्स को खराब कर देता है. यह पानी में पहले से मौजूद होता है और जब कोई तैरने जाता है पानी में यह अमीबा उसे अपना शिकार बना लेता है. यह ऐसे पानी में पाया जाता है जिसकी सफाई काफी दिनों से नहीं की गई है. बहुत दिनों से जमा और गंदे पानी में इस तरह के अमीबा पाए जाते हैं. यह ऐसे पानी में पाया जाता है जब उस पानी में पर्याप्त क्लोरीन न मिलाया गया हो या उसे ढंग से साफ न किया गया हो.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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