नई दिल्ली: राजस्थान के जयपुर के शास्त्री नगर में तीन गर्भवती महिलाओं समेत 29 लोगों में खतरनाक जीका वायरस पाया गया है. खतरनाक जीका वायरस की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस मामले पर कहा है कि हालात काबू में है और घबराने की कोई बात नहीं है. जीका वायरस पर नियंत्रण उपायों में राजस्थान सरकार की मदद के लिए सात सदस्यीय एक उच्च स्तरीय टीम जयपुर में है.


जयपुर में जीका से संक्रमित व्यक्तियों में एक बिहार का है, जानकारी के मुताबिक यह व्यक्ति हाल ही में सीवान में अपने घर गया था. बिहार सरकार ने भी सावधानी बरतते हुए सभी 38 जिलों को अलर्ट जारी किया है. ऐसे लोगों को निगरानी में रखने की बात कही गई है.


इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय भी सक्रिय हो गया है. पीएमओ ने राजस्थान सरकार ने जयपुर में जीका वायरस के प्रसार पर व्यापक रिपोर्ट मांगी है. हेल्थ मिनिस्ट्री इस मामले को लेकर पूरी सावधानी बरत रहा है. जयपुर के कुछ इलाकों में मच्छरों के नमूनों की जांच की जा रही है. विषाणु शोध एवं रोग पहचान प्रयोगशालाओं को अलग से जांच किट भी दी गई हैं. इसके साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं की निगरानी की जा रही है.


क्या है जीका?
जीका एक किस्म का वायरल इंफेक्शन है, जिससे बुखार, रैश, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली आदि होते हैं. यह मुख्य तौर पर एडिस मच्छर की वजह से फैलता है और गर्भवती मां के जरिए कोख में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है.


जीका एक ऐसी बीमारी है जो नवजात में खासा देखा जा रहा है. जीका वायरस से संक्रमित बच्चों के सिर और साइज अपेक्षा से छोटे हैं. इस तरह के असामान्य लकवाग्रस्त हालत को गूलियन बॅरे सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है.


जीका वायरस के संक्रमण से मस्तिष्क संबंधी कई जटिलताएं हो सकती हैं और उन संवेदी तंत्रिकाओं को भी नुकसान पहुंच सकता है जो तापमान, दर्द, कंपन और छुअन को त्वचा से महसूस करती है.


यौन संबंधों के जरिए संक्रमण
-जीका मच्छर काटने के अलावा संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध स्थापित करने से भी होता है. ओरल सेक्स और अप्राकृतिक सेक्स के साथ सामान्य यौन संबंधों के जरिए भी जीका का संक्रमण हो सकता है.
-अगर गर्भावस्था के दौरान जीका हो जाए तो यह भ्रूण में ही माईक्रो स्फैली का कारण बन सकता है.
-जीका वायरस वाले क्षेत्रों से लौट रहे सैलानियों को यौन संबंध बनाने से आठ सप्ताह तक परहेज करना चाहिए या सुरक्षित यौन संबंध ही बनाएं.
-गर्भधारण की योजना बना रहे जोड़ों को आठ सप्ताह के लिए रुक जाना चाहिए.
-अगर पुरुष में इसके लक्षण नजर आएं तो छह महीने के लिए रुक जाना चाहिए.


जीका से बचाव-
-जीका वायरस से बचने के लिए एडिस की सक्रियता के समय घर के अंदर ही रहना चाहिए.
-यह दिन के वक्त सूरज के चढ़ने से पहले या छिपने के बाद सुबह जल्दी या शाम को काटते हैं.
-अच्छी तरह से बंद इमारतें इस से बचने के लिए सबसे सुरक्षित जगहें हैं.
-बाहर जाते हुए जूते, पूरी बाजू के कपड़े और लंबी पैंट पहने.
-डीट या पीकारिडिन वाले बग्ग स्प्रे या क्रीम लगाएं.
-दो महीने से छोटे बच्चों पर डीट वाले पदार्थ का प्रयोग न करें.
-कपड़ों पर पर्मिथ्रीन वाले कीट रोधक का प्रयोग करें.
-रुके हुए पानी को निकाल दें.
-अगर आप को पहले से जीका है तो खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं, ताकि यह और न फैल सके.