पीरियड्स पर लॉकडाउन का बुरा असर, महिलाओं में अनियमित केस 25 फीसद तक बढ़े
कोरोना वायरस से फैली महामारी ने महिलाओं के जीवन को प्रभावित किया है.कोविड के तनाव के चलते अनियमित मासिक चक्र की समस्या से जूझना पड़ा.
कोरोना वायरस से फैली महामारी ने जिंदगी के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. इसके मनोवैज्ञानिक, आर्थिक, शारीरिक दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. कोरोना वायरस के चलते तनाव का असर महिलाओं पर भी देखा गया है.
कोविड का तनाव मासिक चक्र करता है प्रभावित
महामारी की शुरुआत से महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म का सामना करना पड़ा है. डॉक्टरों के मुताबिक मासिक धर्म संबंधी शिकायतों में 20-25 फीसद का उछाल देखने में आया है. उन्होंने इसके पीछे कोविड से पैदा हुए तनाव को कारण बताया है. अचानक यात्रा, दफ्तर का डेडलाइन पूरा करना, भावनात्मक परेशानी तनाव का प्रमुख कारण होता है. मगर महामारी और लॉकडाउन से उपजे तनाव का ज्यादा असर महिलाओं पर हुआ. महिलाओं को घर से काम करने के चलते दोहरी मार झेलनी पड़ी.
लॉकडाउन में महिलाओं को झेलनी पड़ी दोहरी मार
घर के कामकाज और बच्चों की देखभाल के साथ आर्थिक अनिश्चितता ने भी तनाव में इजाफा किया. इसका असर उनके मासिक चक्र पर पड़ा. बेंगलुरू के नारायणा हेल्थ सिटी में महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लवाना किरण कहती हैं, “सामान्य मासिक चक्र 22-35 दिनों के बीच हो सकता है. कोरोना की महामारी सक्रिय कारक रही है जिसकी वजह से महिलाओं की महावारी में असंतुलन देखा गया." उन्होंने बताया कि पिछले महीने महिलाओं के अनियमित महावारी में 25 फीसद का इजाफा देखा गया. एम्स की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नीलांचली सिंह बताती हैं, “दिल्ली में उनके संज्ञान में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें मासिक धर्म समस्या जैसे भारी रक्तस्राव से महिलाओं को जूझना पड़ा. ये मासिक धर्म के लक्षण महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं.”
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