नई दिल्लीः बदलते लाइफस्टाइल के कारण दिल की बीमारियां बढ़ती जा रही हैं और औरतों में ये खतरा ज्यादा बढ़ रहा है. हाल ही में की गई एक रिसर्च में ये सामने आया है कि यंग महिलाएं और वर्किंग महिलाओं में दिल के दौरे का खतरा ज्यादा होता है. जानिए कौन से हैं वे फैक्टर जो महिलाओं में दिल की बीमारी बढ़ाने का कारण हैं.

लेट प्रेग्नेंसी– अगर आप 40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी प्लान करते हैं तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल, लेट प्रेग्नेंसी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता है जो आपके दिल के लिए है एक खतरे की घंटी.

शिफ्ट्स में काम करना- आजकल हर फील्ड में महिलाओं को भी नाइट शिफ्ट करनी होती है. शिफ्ट्स में काम करना महिलाओं की दिल की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. अगर आपका कॉलेस्ट्रॉल पहले से ही हाई है तो दिल की बीमारी होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है.

एंडोक्लाइन प्रॉब्लम्स- 25 से 30 की उम्र में ही महिलाएं हार्ट की बीमारियों से जूझ रही है. अगर आपको थायरॉइड इम्बैलेंस या डायबिटीज है तो कार्डियक और हार्ट अटैक जैसी बीमारियां बढ़ने का खतरा और भी बढ़ जाता है. एड्रेनल ग्लैंड ट्यूमर एड्रेनालाइन हॉर्मोन को बढ़ा देता है जिसे एब्नॉर्मल हार्ट रिदम की प्रॉब्लम हो सकती है.

सप्लीमेंट्स का सेवन- डॉक्टर्स अक्सर प्रेग्नेंसी के टाइम पर कैल्शियम सप्लीमेंट खाने की सलाह देते है सप्लीमेंट आर्टरीज़ का प्रेशर बढ़ा सकते हैं जिससे आपको हार्ट की प्रॉब्लम हो सकती है. इसके अलावा अधिक विटामिन A और विटामिन E का सेवन भी ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा देता है.