शादी के बाद महिलाओं के जीवन में कई बदलाव आते हैं, जिनमें फिजिकली और मेंटली दोनों बदलाव शामिल होते हैं. खासकर हार्मोनल बदलावों का असर उनकी हेल्थ और मूड पर पड़ता है. ये हार्मोनल बदलाव कभी-कभी महिलाओं को चिड़चिड़ा बना देते हैं. आइए, जानते हैं शादी के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले 5 हार्मोनल बदलावों के बारे में, जो उनके मूड को काफी प्रभावित करते हैं. 


लड़कियों के शरीर में बदलाव क्यों आते हैं? 
एक्सपर्ट के माने तो शादी के बाद लड़कियों की बॉडी में बदलाव इसलिए आते हैं क्योंकि उनके शरीर में हॉर्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है. ये हॉर्मोन्स, जैसे एस्ट्रोजन, प्रजनन के लिए शरीर को तैयार करते हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं. शारीरिक संबंध बनाने और नई जिम्मेदारियों के कारण भी ये हॉर्मोन्स सक्रिय हो जाते हैं. इस वजह से लड़कियों के मूड, हेल्थ और व्यवहार में बदलाव नजर आने लगते हैं. ये बदलाव शरीर के नेचुरल प्रक्रिया का हिस्सा होता है. 


एस्ट्रोजन का स्तर बदलना
शादी के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बदल सकता है. एस्ट्रोजन महिलाओं के प्रजनन हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है और इसका असंतुलन मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, और थकान का कारण बन सकता है. एस्ट्रोजन का उतार-चढ़ाव महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करता है, जिससे उनका मूड बदलता है. 


प्रोजेस्टेरोन का बढ़ना
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर भी शादी के बाद बढ़ सकता है, खासकर यदि महिला गर्भधारण की प्लान बना रही हो. यह हार्मोन गर्भावस्था के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसका ज्यादा स्तर चिड़चिड़ापन, नींद की कमी, और चिंता पैदा कर सकता है. इससे महिलाएं मानसिक रूप से अस्थिर महसूस करती हैं. 


कोर्टिसोल का बढ़ना
शादी के बाद नई जिम्मेदारियां और जीवन में बदलाव आने से तनाव बढ़ता है. तनाव के कारण कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो शरीर का तनाव हार्मोन है. कोर्टिसोल का ज्यादा स्तर महिलाओं को चिड़चिड़ा और बेचैन बना सकता है, और कभी-कभी यह डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है. 


थायरॉइड हार्मोन में बदलाव
थायरॉइड हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा स्तर को नियंत्रित करता है. शादी के बाद थायरॉइड हार्मोन के स्तर में भी बदलाव आ सकता है, जिससे वजन बढ़ना, थकान, और मूड स्विंग्स हो सकते हैं. थायरॉइड का असंतुलन महिलाओं को चिड़चिड़ा और तनावग्रस्त बना सकता है. 


सेरोटोनिन का कम होना
सेरोटोनिन एक महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर है, जो मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है. शादी के बाद जीवन में आने वाले बदलाव और नई परिस्थितियां सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित करती है. जब सेरोटोनिन का स्तर कम होता है, तो महिलाएं उदास, चिड़चिड़ी और मानसिक रूप से अस्थिर महसूस करती है. 


इन हार्मोनल बदलावों से कैसे निपटें?



  • हार्मोनल बदलावों का असर हर महिला पर अलग-अलग होता है, लेकिन कुछ तरीकों से इन्हें संभाला जा सकता है.

  • बैलेंस डाइच : पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, ताकि हार्मोनल संतुलन बनाए रखा जा सके.

  • रोजाना व्यायाम: एक्सरसाइज से तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है.

  • अच्छी नींद: पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लें, ताकि शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिल सके.

  • चिकित्सा सलाह: अगर चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लें।


जरूरी बातें 
शादी के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव सामान्य हैं, लेकिन अगर ये बदलाव आपके जीवन पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं, तो इन पर ध्यान देना जरूरी है. सही देखभाल और समझदारी से इन बदलावों का सामना किया जा सकता है, जिससे आप हेल्थ और खुशहाल जीवन जी सकती हैं.