अगर इस महामारी के दौरान प्रेग्नेंट हैं तो आपके लिए ये पांच सलाह हैं, आपकी मुश्किल दूर होगी!
किसी भी महिला के लिए उसके गर्भावस्था के 9 महीने सबसे मुश्किल होते हैं. लेकिन अगर इन नौ महीनों में महामारी का भी सामना करना पड़े तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं.
यूं तो प्रेग्नेंसी अपने आप में एक चुनौती है. लेकिन अगर कोरोना जैसी महामारी के दौरान इस चुनौती का सामना करना पड़े तो फिर मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. प्रेग्नेंट के दौरान इम्युन सिस्टम ऐसे ही कमजोर हो जाता है. और तिस पर भी अगर महामारी हो तो खुद को बचाने के साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे को भी संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी मां पर आ जाती है. ऐसे में हम आपको वो पांच टिप्स बता रहे हैं, जिनको फॉलो करके महामारी के दौरान भी प्रेग्नेंट महिला की दिक्कतें कम हो सकती हैं.
1. अपनी इम्युनिटी को बढ़ाएं अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आपके ऊपर आपकी और बच्चे की, दोनों की जिम्मेदारी है. आप जितना अच्छा खाएंगी, बच्चे की सेहत उतनी ही अच्छी होगी. आप खुद को जितना स्वस्थ रख पाएंगी, बच्चा भी उतना ही स्वस्थ रहेगा. इसलिए कोशिश करें कि आपकी इम्युनिटी बेहतर हो. कोई भी ऐसी चीज न खाएं, जिससे सर्दी-जुकाम होने का खतरा हो. फ्रीज का ठंडा पानी पीने से परहेज करें. सामान्य तौर पर होने वाले सर्दी-खांसी-जुकाम को भी हल्के में न लें और तुरंत जांच करवाएं. खुद से इलाज की कोशिश न करें. कोशिश करें कि बाहर से आने वाले लोगों से कम से कम मुलाकात हो और अगर हो भी तो सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे. प्रेग्नेंसी के दौरान किसी कार्यक्रम में शामिल होने की बिल्कुल भी कोशिश न करें.
2. अस्पताल जाने से परहेज करें आम तौर पर गर्भावस्था में महिलाएं बार-बार अस्पताल के चक्कर लगाती हैं. वो कोशिश करती हैं कि उन्हें पता चलता रहे कि उनका बच्चा स्वस्थ है. लेकिन इस महामारी के दौरान आपको अस्पतालों में जाने से बचना चाहिए. अगर गर्भावस्था का 12वां हफ्ता है या फिर 19वां हफ्ता है, तब तो आपको डॉक्टर से मिलना ही होगा, क्योंकि इस वक्त में ब्लड टेस्ट और स्कैनिंग होती है. इसके अलावा आपको डॉक्टर के पास जाने से बचना चाहिए. अगर गर्भावस्था का 32वां हफ्ता चल रहा है तो आपको डॉक्टर से मिल लेना चाहिए. लेकिन अस्पताल जाने के दौरान आपको खुद की सुरक्षा का खयाल रखना होगा. बिना मास्क लगाए और बिना ग्लव्स पहने किसी प्रेग्नेंट लेडी का अस्पताल जाना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है.
3. ज्यादा से ज्यादा आराम करें कोरोना जैसी महामारी है तो लॉकडाउन भी है. ऐसे में गर्भवती का घर में रहना और जितना ज्यादा संभव हो आराम करना ज़रूरी है. हालांकि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान कोरोना संक्रमण का खतरा सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा है. फिर भी कोशिश करें कि आपको घर से न ही निकलना पड़े. बाकी प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य तौर पर महिलाओं को कहा जाता है कि वो टेंशन से दूर रहें. लेकिन अगर आप कोरोना के काल में प्रेग्नेंट हैं तो फिर ये और ज्यादा ज़रूरी हो जाता है.
4.सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने गर्भवती के लिए खास तौर पर इस बात की गाइडलाइन जारी की है. ICMR का कहना है कि अगर गर्भवती को सांस लेने में थोड़ी सी भी तकलीफ हो रही है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और डॉक्टर को भी तुरंत उसका कोविड 19 टेस्ट करना चाहिए. इसलिए कोशिश करें कि आप ऊंचाई पर चढ़ाई न करें, छत पर जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें. क्योंकि ऐसा करने से सांस फूलती है और फिर बिना बीमारी के भी आप दहशत में आ जाएंगी.
5. साफ-सफाई का ध्यान रखें कोरोना से बचने का यही इकलौता तरीका भी है. ये तरीका सबके लिए कारगर है तो गर्भवती के लिए भी कारगर होगा ही होगा. इसलिए साबुन या फिर सेनेटाइजर से अपने हाथ धोते रहें. गर्भवती महिलाओं को अपने तौलिए और कपड़े घर के दूसरे सदस्यों से अलग रखने चाहिए. उन्हें धुलने के दौरान भी घर के दूसरे सदस्यों के कपड़ों से अलग कर दें ताकि संक्रमण का खतरा कम से कम हो. अगर आप कामकाजी महिला हैं तो कोशिश करें कि इस गर्भावस्था के दौरान आप वर्क फ्रॉम होम कर सकें.
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