एक महीने तक रहेंगी निगरानी में-
उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों ने कहा कि सर्जरी से पहले एमन करीब एक महीने तक निगरानी में रहेगी. एमन 25 साल से अपने घर से बाहर नहीं निकली हैं.
मुंबई लाना था चुनौतीपूर्ण-
लकड़ावाला के एक सहायक ने बताया कि वे एमन का करीब तीन महीने से इलाज कर रहे हैं और उन्होंने मिस्र के अलेक्जेंड्रिया शहर से घर के बिस्तर पर ही लेटे रहने को मजबूर एमन को लाने के लिए सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाये. डॉक्टरों ने कहा कि एमन के स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को देखते हुए उसे मुंबई लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था.
सर्जरी से पहले होगा 100 किलो वजन कम-
खबरों के मुताबिक, एमन को मुंबई में 6 महीने तक रखा जाएगा. उनकी डायट शुरू हो चुकी है. आज से इन्हें प्रोटीन, दूध और फाइबर युक्त चीजें दी जाएंगी. कोशिश की जा रही है कि सर्जरी से पहले एमन का 60 से 100 किलो तक वजन कम किया जाएं. पहले एमन के शरीर में मौजूद पानी को कम करने के लिए दवाइंया दी जा रही हैं. इतना ही नहीं, मेडिटेशन और लो फैट डायट के जरिए पहले वजन कम किया जाए.
एनेस्थिसिया देना भी होगा मुश्किल-
डॉक्टर्स के मुताबिक, एमन को एनेस्थिसिया देना भी एक बड़ी चुनौती होगा क्योंकि इसके लिए उन्हें काफी हैवी डोज देना होगा. इतना हाई डोज आज तक किसी को नहीं दिया गया है. आमतौर पर प्रति किलो वजन पर 5 एमएल ऐनेस्थिसिया मानक माना जाता है.
13 डॉक्टर्स करेंगे इलाज-
एमन के इलाज के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट के 13 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की टीम हैं. जिसमें कार्डियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलोजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, साइकैट्रिक्ट, ऐनेस्थेटिक और इंटेसिविस्ट शामिल है.
ये बीमारी है एमन को-
बताते चले, डॉक्टरों ने एमन को एलिफेंटाइसिस का मरीज बताया था. यह एक परजीवी संक्रमण है जिसमें पिंडलियों में काफी सूजन आ जाती है. डॉक्टरों ने यह भी बताया था कि ग्लैंड्स में गड़बड़ी की वजह से एमन के शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा हो जाता है. इन दोनों ही वजहों से इमान का वजन बढ़ता जा रहा है.