मुम्बई: एक रिपोर्ट के अनुसार, 64 प्रतिशत हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि हृदय से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण तनाव है.


क्या कहती है रिपोर्ट-
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा 68 प्रतिशत डॉक्टर्स का कहना है कि कोई भी आयु वर्ग का व्यकि्त हृदय रोग की चपेट में आ सकता है.


दिल की बीमारियों का कारण-
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने एक रिपोर्ट में कहा कि 64 प्रतिशत हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि दिल की बीमारियों का मुख्य कारण तनाव है. इसके विपरीत अक्सर ऐसा माना जाता है कि अनुचित आहार और व्यायाम की कमी हृदय रोग के लिए जिम्मेदार है.


50 हृदय रोग विशेषज्ञों के बीच किये गये इस अध्ययन से यह भी खुलासा हुआ कि उम्र निर्धारक कारक नहीं है और 68 प्रतिशत डॉक्टर्स का कहना था कि दिल की बीमारी के लिए कोई भी उम्र समूह असुरक्षित हो सकता है. सामान्यत: लोगों का सोचना है कि 41-50 आयुसमूह दिल की बीमारियों के लिए सबसे अधिक संवेदनशील है.


अध्ययन के अनुसार, 74 प्रतिशत डॉक्टर्स ने कहा कि हृदय रोग शरीर के किसी भी प्रकार से लोगों को प्रभावित कर सकते हैं जबकि ज्यादातर लोगों का सोचना है कि केवल अधिक वजन होना खतरनाक है. हृदय रोग विशेषज्ञों ने कहा कि ‘उच्च कोलेस्ट्रॉल’ वाले खाद्य पदार्थ हृदय रोग का प्राथमिक कारण है न कि तेल और फैटी खाद्य पदार्थ जैसे कि लोग सोचते हैं.


अध्ययन के अनुसार, हृदय रोग विशेषज्ञ इस बात पर एकमत नजर आये कि जो नियमित रूप से व्यायाम करते हैं उनमें दिल की बीमारी होने का खतरा कम है जबकि 86 प्रतिशत ने कहा कि महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक संवेदनशील हैं.


क्या कहते हैं विशेषज्ञ-
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के चीफ-अंडरराइटिंग दावों और पुनर्बीमा, संजय दत्ता ने कहा,‘‘युवाओं और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में हृदय रोग के बढ़ते मामले लोगों के लिए एक चेतावनी है कि अब उन्हें अपने दिन प्रतिदिन की आदतों में कुछ बदलाव करना चाहिए ताकि दिल की बीमारियों के खतरे को कम किया जा सके.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.