नई दिल्लीः हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS) के अनुसार, 12 से 23 महीने के बच्चों में से 72.5% बच्चों को समय पर वैक्सिनेशन नहीं मिल रहा.


क्या कहती है रिपोर्ट-
रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में स्थिति सबसे खराब है क्यूंकि वहां इस आयु के 96.5% बच्चों को समय पर वैक्सीन नहीं दिया गया था. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 90%, जबकि यूपी में इस श्रेणी में 87.2% बच्चे हैं, महाराष्ट्र में 75.2%, राजधानी दिल्ली में 72.6%, राजस्थान में 79% और कर्नाटक में 70.2% है. उत्तराखंड में भी 79% बच्चों को वैक्सीन सही समय पर नहीं मिल रहा है.


12 से 23 महीने की आयु बच्चे के विकास और इम्यूनिटी बढ़ने में एक महत्वपूर्ण समय माना जाता है. ऐसे में बच्चे की वैक्सीनेशन समय पर ना मिलने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है.


टीकाकरण के प्रतिशत में हुई बढ़ोत्तरी-
हैरानी की बात ये है कि पिछले एक दशक में देश में प्रति वर्ष टीकाकरण का प्रतिशत 2005-06 में 44% से बढ़कर 2015-16 में 62% हो गया, जबकि देश के शहरी हिस्सों में केवल 6% बढ़ोत्तरी हुई जो की 58% से 64% है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के टीकाकरण में 22% बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.


इन बच्चों को टीका कभी भी नहीं दिया गया-
सर्वे में यह भी पता चला है कि ऐसे बच्चों की संख्या में लगभग 1% की बढ़ोत्तरी हुई थी जिन्हें कभी टीका नहीं दिया गया (2005-06 में 5.1% से 2015-16 में 6%) मेघालय में बच्चे इस सूची में सबसे ऊपर स्थान पर हैं, जिसमें 22.1% बच्चों को 12 से 23 महीने के आयु वर्ग में टीका कभी भी नहीं दिया गया है.


ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.