उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवरिया के मेहरौना गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज के करीब 80 छात्र फ़ूड पॉइज़निंग के कारण बीमार पड़ गए हैं. फिलहाल छात्रों की हालत स्थिर है और जांच चल रही है. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि जिले के मेहरूना गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज के करीब 80 स्टूडेंट को फूड प्वाइजनिंग के कारण बीमार पड़ गए है. 


फिलहाल घटना की जांच हो रही है


अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि जिले के मेहरूना गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज के करीब 80 छात्र फूड प्वाइजनिंग के कारण बीमार पड़ गए. उन्हें पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत थी. उन्होंने बताया कि यह घटना रविवार रात बच्चों के खाने के बाद हुई. जिला मजिस्ट्रेट दिव्या मित्तल ने अपने इंटरव्यू में बताया कि छात्रों की हालत स्थिर है और घटना की पूरी जांच हो रही है.


सोमवार शाम को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकारी स्कूल में कुछ छात्रों के फूड प्वाइजनिंग के कारण बीमार पड़ने की सूचना मिली है. दो छात्रों आकाश और नितेश का महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. शेष छात्रों को स्कूल में ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम के द्वारा इलाज किया जा रहा है.


फूड प्वाइजनिंग के लक्षण


कुछ भी खाने के बाद पेट में तेज दर्द, हर आधे घंटे में उल्टी-दस्त, खाना न पचना, सिर में दर्द, ज्यादा थकान और कमजोरी जैसा कुछ भी लगे तो यह फूड पॉइजनिंग के लक्षण हो सकते हैं. फूड पॉइजनिंग एक तरह का इंफेक्शन होता है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से फैल सकता है. जब बैक्टीरिया या फंगस से संक्रमित किसी फूड को कोई खाता है तो ये बैक्टीरिया पेट में गुड बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं. जिससे पाचन क्रिया बिगड़ जाती है. ज्यादातर गंदे पानी, एक्सपायरी पैक्ड फूड, ज्यादा देर से बने खाना को खाने से हो सकता है. आइए जानते हैं फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) से जुड़ी हर जानकारी...


जानकारी के मुताबिक 32 से 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान होने पर बैक्टीरिया और फंगस को पैदा होने लगते हैं. कई अध्ययन में पाया गया है कि 37 डिग्री से ज्यादा तापमान बैक्टीरिया या फंगस के लिए काफी अनुकूल होता है.


फूड पॉइजनिंग के कारण


हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक,अगर कुछ भी खाने के बाद पेट में तेज दर्द, हर आधे घंटे में उल्टी-दस्त, खाना न पचना, सिर में दर्द, ज्यादा थकान और कमजोरी, बुखार जैसा कुछ भी लगे तो यह फूड पॉइजनिंग के लक्षण हो सकते हैं. वैसे तो यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. अगर कुछ भी खराब खाने से उल्टी-दस्त के साथ बुखार, दस्त में खून आना, बार-बार उल्टी और सिर्फ पानी ही निकले, मुंह सूख रहा हो, शरीर में रेशेज निकल रहे हैं, इस तरह की समस्याएं तीन दिन से ज्यादा रहें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.


फूड पॉइजनिंग से बचना है तो इन बातों का रखें ख्याल खाने की जगह और बर्तन रखने की जगह साफ रखें. मसालों और अनाज में फंगस होने का सबसे ज्यादा रिस्क रहता है. नमकीन, बिस्किट को हमेशा डिब्बे में रही रखें. पैक्ड फूड की एक्सपायरी देखकर ही यूज करें. खासकर बारिश के दिनों में अगर आप बाहर कुछ भी खा रहे हैं तो खास ख्याल रखें. साफ-सुथरे जगह पर ही खाना खाएं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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