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क्या होता है जब दिमाग की नसें फट जाती हैं? जानें इसके लक्षण और कारण
ज्यादातर लोग ब्रेन हेमरेज के बारे में जानते हैं लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि इस दौरान शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं.
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ब्रेन हेमरेज जानलेवा और गंभीर स्थिति है जिसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है. ज्यादातर लोग ब्रेन हेमरेज के बारे में जानते हैं लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि इस दौरान शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं. ब्रेन हेमरेज में ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग होने लगता है. यानि सिर के अंदर नस फटने के कारण खून बहना. मेडिकल टर्म में इसे इंट्राक्रैनियल हेमोरेज (intracranial hemorrhage) के नाम से जाना जाता है. ब्रेन हमेरेज को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर यह कैसे होता है? और इससे कैसे बचा जा सकता है.
दिमाग की नस फटने के पीछे का कारण
ब्रेन हमरेज के कई कारण हो सकते हैं. जैसे किसी व्यक्ति को सिर में गंभीर चोट लग गई हो. गंभीर चोट, कार दुर्घटना, सिर पर किसी तरह के चोट लगने से ब्रेन हेमरेज हो सकता है.
हाई बीपी की वजह से भी दिमाग के नसों को जो ब्लड वेसेल्स की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है और ब्लड वेसेल्स की ब्लीडिंग या फटने का कारण बन सकती है.
ब्रेन में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग की वजह से भी ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकती है.
धमनियों में फैट जमा होने या एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से भी ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ता है.
टूटा हुआ सेरेब्रल एन्यूरिज्म यानी कि ब्लड वेसेल्स की दीवार में एक कमजोर स्थान जो फूल जाता है और फट जाता है.
दिमाग की नसों की दीवारों के अंदर अमाइलॉइड प्रोटीन यानी सेरेब्रल अमाइलॉइड एंजियोपैथी की वजह से भी ब्रेन हेमरेज होता है.
ब्रेन ट्यूमर जो दिमाग के टिशूज पर दबाव डालता है इससे भी ब्लीडिंग हो सकती है और ब्रेन हेमरेज हो जाता है.
धूम्रपान, खूब शराब पीना या कोकीन पीने से भी ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ता है.
गर्भावस्था में एक्लम्पसिया और इंट्रावेंट्रिकुलर ब्लीडिंग के कारण भी ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकता है.
ब्रेन हेमरेज कैसे होता है?
ब्रेन हेमरेज के कई कारण हो सकते हैं. जब ब्रेन को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है तो दिमाग के सेल्स मरने लगते हैं. ऐसे में शरीर के गतिविधियां प्रभावित होने लगते हैं. जिसे इंट्राक्रानियल हेमरेज या सेरेब्रल हेमरेज कहा जाता है. ऐसे में अगर तीन से चार मिनट से अधिक समय तक ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो इससे दिमाग की नसें बुरी तरह से प्रभावित होती है. इससे दिमाग की नसें काफी ज्यादा प्रभावित होती है.
ऐसे में शरीर के किसी भाग में लकवा मारना
शरीर का कोई हिस्सा सुन्न होना या कमजोरी होना
खाने-पीने में कठिनाई होना
आंखों की रोशनी पर असर पड़ना.
दौरे पड़ना और सिरदर्द होना
इसकी वजह इंसान की मौत भी हो सकती है.
ब्रेन हेमरेज से कैसे बचें
ब्रेन हेमरेज से बचना है तो हमेशा अपना बीपी चेक करवाते रहें. खासकर हाई बीपी के मरीज को तो अक्सर अपना बीपी चेक करवाते रहना चाहिए. हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए वजन कंट्रोल में रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में शराब कम पिएं साथ ही साथ हेल्दी डाइट लें और रोजाना एक्सरसाइज करें. डायबिटीज है तो शुगर को हमेशा कंट्रोल में रखें.
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