बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के पीरियड्स  में बदलाव आना आम बात है. कुछ महिलाओं को भारी या ज़्यादा दर्दनाक पीरियड्स होते हैं. तो वहीं कुछ लोगों को पता भी नहीं चलता है. बच्चे को जन्म देने के कुछ महीनों तक पीरियड्स में कुछ बदलाव हो सकते हैं लेकिन एक समय के बाद अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन यह बात भी सच है कि जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं उन्हें कई महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं.


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बच्चे के जन्म से 4-6 सप्ताह के बाद वापस से पीरियड्स आना नॉर्मल बात है. यदि आप अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाती हैं तो आपके पीरियड्स जल्द ही आ जाएंगे लेकिन अगर कोई महिला ब्रेस्ट फीडिंग करवाती है तो उनके पीरियड्स लेट से आएंगे. 


ब्रेस्टफीडिंग करवाना


डिलीवरी के बाद जब माएं अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाती हैं तो उनके पीरियड्स लेट से शुरू होते हैं. दरअसल, ब्रेस्टफीड के कारण महिलाओं के शरीर में प्रोलेक्टिन हार्मोनल रिलीज होता है. यह हार्मोन ओवुलेशन को काफी हद तक प्रभावित करता है. जिसके कारण पीरियड्स में देरी होती है. ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं को 6 महीने तक पीरियड्स नहीं होते हैं. जब बच्चा खाने लगता है उसके बाद महिलाओं के शरीर में प्रोलेक्टिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है. और फिर पीरियड्स शुरू हो जाता है. 


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बॉडी की रिकवरी


डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है जिसके कारण पीरियड्स में देरी होती है. यहां तक कि अंदरूनी कमजोरी रहने के कारण इर्रेगुलर पीरियड्स होते हैं. इस स्थिति को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. अगर आपको भी अनियमित पीरियड्स होते हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए. 


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कुछ महिलाओं को होते हैं गंभीर हेल्थ कंडीशन


कई बार नॉर्मल डिलीवरी के कारण भी महिलाओं को दूसरी तरह के मेडिकल कंडीशन होते हैं. जैसे- पीसीओएस या एंडोमेट्यिसिस जैसी बीमारी महिला के पीरियड्स को प्रभावित करती है. अगर किसी महिला को इस तरह की बीमारी है तो उनके पीरियड्स में देरी हो सकती है. ज्यादा देरी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.