हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को अक्सर लोग एक ही समझ लेते हैं. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दोनों में काफी अंतर है. ब्लड के जरिए हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचता है. इसके साथ-साथ पोषक तत्व भी पहुंचते हैं. लेकिन जब दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है तो हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है. धमनियों में प्लाक जमने से रुकावट होती है. इसके कारण दिल की रफ्तार धीमी हो जाती है. इसे ही कार्डियक या हार्ट अटैक कहते हैं. 


​बाथरूम में हार्ट अटैक क्यों आता है?


अक्सर आपने सुना होगा कि बाथरूम में हार्ट अटैक हो गया. कई बार हम जब फ्रेश होने के लिए बाथरूम जाते हैं तो पेट साफ करने के लिए प्रेशर बनाते हैं. इस तरह के प्रेशर कई बार खतरनाक साबित हो सकते हैं. यह प्रेशर हमारे दिल की नसों पर दबाव डालते हैं. इसके कारण हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दे सकते हैं. 


बाथरूम में अटैक आने के पीछ कारण यह है कि बाथरूम का टेंपरेचर हमारे बाकी रूम के टेंपरेचर से अलग होता है. यह ठंडा अधिक होता है. ऐसी स्थिति में शरीर के टेंपरेचर को बैलेंस करने और ब्लड सर्कुलेशन को बनाए रखने के लिए काम करना बेहद जरूरी है. ऐसी स्थिती में दिल का दौरा पड़ने का महत्वपूर्ण कारण होता है. 


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सुबह के वक्त किसी भी व्यक्ति का बीपी थोड़ा बढ़ा हुआ होता है. ऐसे में अगर में आप डायरेक्ट ठंडा पानी सिर पर डालेंगे तो इससे बीपी पर काफी असर पड़ता है. इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. 


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अगर आप इंडियन बाथरूम का इस्तेमाल करते हैं तो एक ही पोजिशन में ना बैठें. इसके कारण हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. बाथरूम में ठंडे पानी से नहाने के दौरान सबसे पहले पैरों पर पानी डालें फिर अपने शरीर को भिगाएं. पेट साफ करने के लिए न तो जोर लगाएं और न जल्दबाजी करें. अगर आप काफी देर तक बाथ टब में रहते हैं तो इसका असर भी आपकी धमनियों पर पड़ता है और इससे हार्ट अटैक हो सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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