नईदिल्ली: जी.बी पंत हॉस्पिटल के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) सर्जरी डिवीजन ने लीवर सर्जरी का फ्यूचर बदल दिया है. पिछले 10 सालों में यहां के डॉक्टर्स ने लैपरोस्कोपिक तकनीक के जरिए 150 लीवर सर्जरी की हैं जबकि देशभर में ओपन सर्जरी का मैथड अपनाया जाता है.
लैपरोस्कोपिक सर्जरी में रिकवरी होती है जल्दी-
लीवर ओपरेशन के दौरान ओपन सर्जरी में पेट में एक बड़ा कट लगता है जबकि लैपरोस्कोपिक तकनीक अपनाने से छोटा सा 5-10mm का चीरा लगता है. इतना ही नहीं, लैपरोस्कोपिक तकनीक से पेशेंट जल्दीद रिकवरी भी कर लेता है और ये बेहतर कॉस्मेाटिक रिजल्ट भी देता है.
ट्रेनिंग और नॉलेज होना है जरूरी-
हॉस्पिटल के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ. अनिल अग्रवाल ने टीओआई को बताया कि लीवर की लैपरोस्कोपिक सर्जरी के लिए बहुत ज्यादा ट्रेनिंग और लीवर एनाटमी की जानकारी होना जरूरी है. लीवर बहुत कॉम्पलेक्स ऑर्गन है. इसके कई मल्टीपल सब सेक्शंस होते हैं और दो ब्लड के लिए सप्लाई चैनल होते हैं. ऐसे में कोई भी गलती होना घातक हो सकती है.
पहली लैपरोस्कोपिक सर्जरी-
जीआई सर्जरी डिवीजन के डॉ. अनिल ने बताया कि उन्होंने पहली लैपरोस्कोपिक सर्जरी 2006-07 में की थी. 45 वर्षीय ये व्यक्ति लीवर कैंसर का पेशेंट था. डॉ. ने कहा कि उन्होंने पहले यूके और साउथ कोरिया के अंडर ट्रेंनिंग ली थी. लेकिन अब उनके जूनियर्स भी इसे आसानी से कर लेते हैं.
लीवर कैंसर, ट्यूमर और गॉलब्लैडर-
डॉक्टर्स ने बताया कि ऑपरेशन के सफल होने के बाद पेशेंट पांच साल तक भी ठीक हैं और हेल्दी लाइफ जी रहे हैं.150 लीवर सर्जरी में डॉक्टर्स ने 80 गॉलब्लैडर कैंसर केस जो कि लीवर को भी हानि पहुंचा रहे थे, को भी हैंडल किया. बाकी केस में लीवर कैंसर, ट्यूमर इत्यादि शामिल थे.
ट्रांप्लांट केस और लैपरोस्कोपिक सर्जरी-
मेदांता मेडिसिटी गुडगांव के चीफ लीवर सर्जन और चेयमैन डॉ. ए.एस साइन का कहना है कि लैपरोस्कोपिक सर्जरी ट्रांप्लांट केस में भी इस्तेमाल होती है. डोनर के लीवर को निकालने में भी इस सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है.
कई देशों में होती है लैपरोस्कोपिक सर्जरी-
आपको बता दें, लैपरोस्कोपिक सर्जरी अमेरिका, लंदन, जापान और बाकी देशों में भी की जाती है. भारत में कुछ ही सेंटर पर ये सर्जरी होती हैं. डॉक्ट र्स का मानना है कि आने वाले टाइम में लीवर सर्जरी के लिए लैपरोस्कोपिक सर्जरी ही की जाएगी.
इस लीवर सर्जरी से कर सकते हैं फास्ट रिकवरी!
ABP News Bureau
Updated at:
03 Feb 2017 04:01 PM (IST)
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