मलाशय कैंसर के इलाज में एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. हाल ही में किए गए एक शोध में यह पता चला है कि मलाशय कैंसर के मरीजों का इलाज बिना सर्जरी के भी मुमकिन हो सकता है. यह शोध स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय में किया गया और इसके नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं.
मलाशय कैंसर के इलाज में एक नई और बड़ी उम्मीद सामने आई है. स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय में किए गए एक नए शोध के अनुसार, अब मलाशय कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी की जरूरत कम हो सकती है. इस शोध में पाया गया है कि एक नया उपचार कैंसर के ट्यूमर को पूरी तरह से खत्म कर सकता है, जिससे सर्जरी की आवश्यकता नहीं रहेगी.
सर्जरी से बचाव और बेहतर जीवन
स्वीडन में हर साल लगभग 2,000 लोग मलाशय कैंसर से पीड़ित होते हैं, जिनमें से एक तिहाई को कैंसर के दोबारा होने का खतरा रहता है. इस नए इलाज से सर्जरी की जरूरत पहले की तुलना में दोगुनी कम हो गई है, जिससे मरीजों की लाइफस्टाइल में सुधार देखा जा सकता है. पारंपरिक इलाज में रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के बाद सर्जरी की जाती थी, लेकिन इस नए शोध के अनुसार, अगर पहले रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी दी जाए, तो सर्जरी की जरूरत पूरी तरह से टाली जा सकती है.
ट्यूमर के गायब होने से सर्जरी की जरूरत खत्म
अध्ययन के अनुसार, जब इलाज के दौरान ट्यूमर पूरी तरह से गायब हो जाता है, तो सर्जरी की जरूरत नहीं होती. इसका मतलब है कि मरीज का मलाशय सुरक्षित रहता है और स्टोमा (कृत्रिम मलाशय) की जरूरत नहीं पड़ती। यह नया इलाज मलाशय कैंसर के मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है, जिससे उनका जीवन आसान और बेहतर हो सकता है.
शोध के नतीजे और भविष्य
इस अध्ययन में स्वीडिश कोलोरेक्टल कैंसर रजिस्ट्री (SCRCR) के माध्यम से 461 मरीजों का डेटा एकत्र किया गया।.शोधकर्ताओं ने पाया कि इस नए उपचार से ट्यूमर के पूरी तरह गायब होने की संभावना दोगुनी हो गई है और सर्जरी के बिना भी कैंसर के दोबारा होने का खतरा कम हो गया है. उप्साला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बेंग्ट ग्लिमेलियस के अनुसार, यह नया उपचार रोजमर्रा की स्वास्थ्य देखभाल में बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. इससे न केवल सर्जरी की जरूरत कम होगी, बल्कि मरीजों की लाफस्टाइल में भी सुधार आएगा. नए इलाज के सकारात्मक परिणामों ने इसे भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बना दिया है.
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