इंसान के पूर्वज बंदर थे? इंसान के पूर्वजों की लंबी पूंछ होती थी? आखिर क्या हुआ जो इंसान के पूर्वजों की पूंछ अचानक से गायब हो गई? ऐसे कई सारे सवाल हम बचपन से स्कूल-कॉलेज में सुनते रहते हैं. जिसके कारण यह हमारे जह्न में कहीं न कहीं बस सा गया है. अब हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है जिसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि मां के गर्भ में बच्चे की पूंछ होती है लेकिन गर्भधारण के 8 सप्ताह के बाद आखिर ऐसा क्या होता है कि ये पूरी तरह से गायब हो जाती है. इस रिसर्च में यह भी खुलासा किया गया है कि 250 करोड़ साल पहले हमारे पूर्वजों से एक गलती हो गई थी जिसके जरिए इंसान का पूंछ हमेशा के लिए गायब हो गया. 


पूर्वजों में कुछ ऐसे हुए थे बदलाव


पूंछ जानवर का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है. इसी के जरिए वह अपना बैलेंस बनाते हैं. एक जगह से दूसरी जगह कूदने में यह पूंछ ही उनकी काफी ज्यादा मदद करता है. जानवर की पूंछ उन्हें आने वाले खतरे का संकेत भी देती है. कुछ प्रजाति ऐसे हैं जिनमें यह तापमान बैलेंस करने का काम करत है. दूसरी तरफ इंसान, बंदर या एप्स एक स्तनपायी जानवर है. जिनकी पूंछ कई साल पहले ही खत्म हो गई. साइंटिस्ट का मानना है कि यह एक बहुत बड़ा बदलाव था. हमारे पूर्वजों ने चारों पैरों से चलना छोड़कर दो पैरों से चलना शुरू किया है. यह वह वक्त था जब हमारे पूर्वज जंगलों को छोड़कर जमीन और एक भू-भाग पर रहना शुरू किए थे. 


पूंछ गायब होने की यह थी असली वजह


रिसर्च में खुलासा हुआ कि एक टी बीएक्सटी नाम के एक खास जीन में जबरदस्त बदलाव हुए जिसके कारण पूंछ गायब हो गई. यह बदलाव एक डीएनए के छोटे से हिस्से एएल्यूवाय तत्व के इस जीन में घुसने से आया था. यह सब लाखों करोड़ों साल पहले हुए था. इस डीएनए की वजह से जीन कोड में बदलाव तो नहीं हुए लेकिन उसने जीन के काम करने का तरीका जरूर बदल दिया. इसके पूरे असर को समझने के लिए रिसर्चर ने चूहों में टीबीएक्सटी जीन में कुछ बदलाव किए और नतीजा चौंकाने वाला था. कुछ चुहों की पूंछ छोटी हो गई और  कुछ बिना पूंछ के ही पैदा हुए थे. 














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