क्या अबॉर्शन कराने के दौरान पैदा हो सकता है जिंदा भ्रूण? जानें क्या है इसका सच
एक आंकड़े के मुताबिक, भारत में हर साल अबॉर्शन के करीब 1.5 करोड़ केस आते हैं. इनमें से 34 लाख महिलाओं का अबॉर्शन हॉस्पिटल में होता है, जिसकी सबसे बड़ी वजह उनकी मेडिकल कंडीशन होती है.
Abortion Complications : पैरेंट्स बनना हर कपल के लिए सबसे खास पल होता है. इसके लिए वे काफी तैयारी करते हैं. हालांकि, कई बार कुछ कंडीशंस की वजह से डॉक्टर अबॉर्शन की सलाह देते हैं. मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के अनुसार डॉक्टर तभी ऐसा कर सकते हैं, जब उन्हें लगे कि मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा है. ऐसे में महिला की जान बचाने के लिए अबॉर्शन करते हैं. लेकिन अबॉर्शन (Abortion) के भी तमाम खतरे होते हैं. अगर सावधानी न बरती जाए तो परेशानी भी बढ़ सकती है. कई बार तो अबॉर्शन कराने के दौरान ही जिंदा भ्रूण तक पैदा हो सकता. जानिए ऐसा कब पॉसिबल है...
क्या अबॉर्शन के दौरान पैदा हो सकता है जिंदा भ्रूण
पिछले साल मुंबई (Mumbai) में ऐसे ही मामले आए थे, तब दो-तीन महीने के अंदर ही मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) के 3 मामलों में महिलाओं ने जिंदा भ्रूण को जन्म दिया था. एक में 27 हफ्ते की प्रेगनेंसी के बाद हुए अबॉर्शन में भ्रूण जिंदा पैदा हुआ. डॉक्टरों के मुताबिक, अबॉर्शन के दौरान जिंदा भ्रूण पैदा होने की संभावना बहुत ही कम होती है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है. यह आमतौर पर तब होता है जब गर्भपात की प्रक्रिया के दौरान भ्रूण को पूरी तरह से निकाला नहीं जाता है या गर्भपात के दौरान कोई जटिलता आ जाए.
भ्रूण के जिंदा रहने की कितनी संभावना होती है
अबॉर्शन के दौरान भ्रूण (Fetus) के जिंदा रहने की संभावना प्रेगनेंसी के समय पर निर्भर करता है. अगर अबॉर्शन पहली तिमाही में किया जाता है, तो भ्रूण के जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है. हालांकि, अगर अबॉर्शन दूसरी या तीसरी तिमाही में किया जाता है, तो भ्रूण के जिंदा रहने की संभावना बढ़ जाती है.
अबॉर्शन करने का सही तरीका क्या है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, जीआर में अबॉर्शनकराने के तरीकों के बारें में भी बताया गया है. इसके मुताबिक, जब प्रेगनेंसी का तीसरा फेज हो और अबॉर्शन करना पड़े तो स्त्री रोग विशेषज्ञ को दो-तीन मिलीलीटर (15%) का पोटेशियम क्लोराइड का इंजेक्शन भ्रूण के दिल में दिया जाने चाहिए.
इसके बाद सोनोग्राफी से देखने के बाद कि उसकी धड़कन रूक गई है या नहीं, फिर अबॉर्शन करना चाहिए. अगर इस प्रॉसेस को फॉलो किया जाए तो भ्रूण के जिंदा पैदा होने की आशंका नहीं होती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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