Navratri Diet Plan: उपवास का दौर चल रहा है. मुस्लिम रोजेदार रोजा रखकर उपवास कर रहे हैं. वहीं, हिंदू नवरात्रि का व्रत रखकर उपवास कर रहे हैं. व्रत के दौरान डाइट का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. नवरात्रि में  श्रद्धालु दिनभर व्रत वाला भोजन लेते रहते हैं. इन सबके बीच ये ध्यान रखना आवश्यक है कि भोजन में मिर्च मसालों का प्रयोग तो नहीं किया जा रहा है. इससे एसिडिटी और कब्ज की समस्या भी हो सकती है. इससे बचाव के लिए कुछ जरूरी टिप्स फॉलो करने हैं. 


पहले समझिए, आखिर एसिडिटी कब होती है?


एसीडिटी या फिर गैस्ट्रोइसोफेगल रीफल्क्स डिसीज़ किसी भी व्यक्ति को हो सकती है. आमतौर पर यह परेशानी तब होती है, जब पेट का ऐसिड बार-बार इसोफेगस की ओर चला जाता है. इससे इसोफेगस की लाइनिंग को नुकसान हो सकता है. वहीं, कब्ज की परेशान तब होती है, जब हम पानी बहुत कम पीना शुरू कर देते हैं. नवरात्रि मेें पानी की कमी, तला भुना खाने और अन्य समस्या से डाइजेस्टिव सिस्टम बिगड़ जाता है. 


एसिडिटी और कब्ज से बचाव को क्या करें?


1. फाइबर अधिक लेें
फाइबर आंतों को स्वस्थ्य रखने का काम करती है. हर दिन यदि खाने में अधिक पफाइबर ले रहे हैं तो इससे डाइजेस्टिव सिस्टम दुरस्त रहता है. नवरात्रि में राजगिरी का आटा, कुट्टू का आटा, समक के चावल, मखाना जैसे फूड आइटम बेहतर विकल्प हो सकते हैं. 


2. खट्टे फलों का सेवन न करें
यदि पहले से ही एसिडिटी की समस्या है तो संतरे, ग्रेपफ्रूट और नींबू जैसे पफूड आइटम को खाने से बचना चाहिए. इससे एसिडिटी की समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है. केला, चीकू और मेलन जैसे पेट में एसिड को शांत करने का काम करते हैं. 


3. हाइड्रेशन का ध्यान रखें
डिहाइड्रेशन एक गंभीर समस्या होती है. इसलिए व्रत के दौरान ये ध्यान रखना जरूरी हो जाता है कि डिहाइड्रेशन बिल्कुल नहीं होना चाहिए. ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पिएं. एक साथ अधिक पानी पीने से बचें. इससे ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या हो सकती हैं. 


4. हेल्दी ड्रिंक्स जरूर लें
हेल्दी ड्रिंक्स जरूर पीने चाहिए. इससे बॉडी मेें एनर्जी लेवल मैंटेन रहता है. छाछ और ठंडा दूध एसिडिटी शांत करने के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. कैफीन युक्त ड्रिंक्स को पीने से बचें. नारियल पानी भी एक अच्छा ऑप्शन है. 


5. रेग्यूलर व्यायाम करें
रेग्यूलर एक्सरसाइज और योगा जरूर करते रहें. लेकिन ये ध्यान रखना है कि अधिक उपवास या वर्कआउट नहीं करना चाहिए. कम वर्कआउट करने से डाइजेस्टिव सिस्टम सही रहता है. ब्लड सप्लाई भी बेहतर बनी रहती है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: Radiation Therapy: रेडिएशन थेरेपी क्या है? जिससे कैंसर के मरीजों के इलाज की दुनिया बदल जाएगी...