Adenovirus Spike: कोरोना का खौफ अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कि एक नए वायरस ने देश में दस्तक दे दी है. पश्चिम बंगाल में एडिनोवायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह वायरस बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है. वायरस की चपेट में आने से मासूमों की मौत भी दर्ज की गई है.ICMR-NICED को भेजे गए कम से कम 30 प्रतिशत नमूनों में वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया है.
क्या है एडिनोवायरस?
एडेनोवायरस मध्यम आकार के और अविकसित वायरस हैं जो कई तरह के संक्रमण पैदा कर सकते हैं, ज्यादातर सामान्य सर्दी या फ्लू. शोधकर्ताओं ने लगभग 50 प्रकार के एडेनोवायरस की पहचान की है जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं. वैसे तो संक्रमण साल भर हो सकता है लेकिन सर्दियों में ये चरम पर पहुंच जाता है.एडिनोवायरस शरीर में हल्का और गंभीर दोनों तरह का संक्रमण कर सकता है इससे संक्रमण ज्यादातर श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है. इससे सांस लेने में दिक्कत आती है. यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपनी चपेट में ले सकता है. हालांकि अभी पश्चिम बंगाल से बच्चों के ही बीमार होने की खबर आ रही है.एडिनोवायरस अक्सर नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों के बीच एक एयर में फैल सकता है. इस स्थिति में बच्चे एक दूसरे के करीब होते हैं बच्चे मुंह में सामान डालते हैं और नियमित रूप से उनके हाथ धोने की आदत भी कम होती.कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या मौजूदा श्वसन या हृदय रोग वाले लोगों को एडेनोवायरस संक्रमण से गंभीर बीमारी विकसित होने का अधिक खतरा होता है.
कैसे फैलता है ये वायरस?
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, एडेनोवायरस हल्की सर्दी या फ्लू जैसी बीमारी का कारण बन सकता है और सभी उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है. ये आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में शारीरिक संपर्क जैसे छूने, हाथ मिलाने, खांसने और हवा में छींकने से फैलती है.
क्या हैं इसके लक्षण?
सामान्य लक्षणों में सामान्य सर्दी, बुखार, गले में खराश, तीव्र ब्रोंकाइटिस ,फेफड़ों के वायुमार्ग की सूजन, गुलाबी आंख और तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस शामिल हैं.इसके अलावा मूत्राशय की सूजन या संक्रमण तंत्रिका संबंधी रोग भी शामिल है.
क्या है इसका इलाज?
एडेनोवायरस के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है. विशेष रूप से इस बीमारी के लिए स्वीकृत टीके या एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. हालांकि, लक्षणों से निपटने के लिए ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक और दवाएं खरीदी जा सकती हैं. बीमारी से बचाव के लिए अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है. जब भी संभव हो अपने हाथों और आस-पास की सफाई करें.बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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