Adenovirus Symptoms: कोरोना का कहर अभी कुछ शांत हुआ है. लेकिन खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. साइंटिस्ट का कहना है कि कोविड हवा में हैं. ऐसे में यह कहना जल्दबाजी है कि भारत कोविड मुक्त हो चुका है. यदि कोरोना का कोई म्यूटेशन घातक हुआ तो वह फिर से तबाही बरपा सकता है. वहीं, कोविड के अलावा अन्य वायरस का भी खतरा देश में बना हुआ है. आजकल ऐसा ही एक घातक एडेनोवायरस सुर्खियों में हैं. विशेषज्ञों ने इस वायरस से बचाव की सलाह दी है. यदि किसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत ही उपचार कराने की सलाह दी है. कोलकाता में केस सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल में अलर्ट जारी कर दिया गया है. छोटे बच्चों को लेकर विशेष अहतियात बरतने की जरूरत है.
कम उम्र के बच्चों को चपेट में ले रहा एडेनोवायरस
विशेषज्ञों का कहना है कि एडेनोवायरस एक इन्फेक्शन है. इसके लक्षण फ्लू जैसे हैं. इसकी खतरनाक बात यह है कि ये वायरस 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ही संक्रमित कर रहा है. बच्चों के लिए यह संक्रमण बेहद घातक हो सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर इसका उपचार न मिले तो यह जानलेवा भी हो सकता है.
इस तरह से संक्रमित करता है वायरस
एडेनोवायरस से होने वाला इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. यह हाथ मिलाने, छूने या एक दूसरे के संपर्क में आने से हो सकता है. कोई व्यक्ति तेज सांस ले रहा है. छींक रहा है, खांस रहा है. उस दौरान निकलने वाली सांस की बूंदों से भी सामने वाला व्यक्ति इसके संपर्क में आ सकता है. यह वायरस हवा से हवा में फैलता है. ये वायरस डाइजेस्टिव सिस्टम और श्वसन तंत्र पर अटैक करता है.
क्या होते हैं लक्षण
एडेनोवायरस की चपेट में आने पर कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. इनमें सांस लेने में परेशानी होना शामिल हो सकता है. चेस्ट पेन होना, गले मेें खराश, बुखार के साथ ठंड लगना, खांसी न जाना, निमोनिया, भूख न लगना, पेट का फूलना, आंखे लाल होना शामिल है.
इन्हें रहता है अधिक खतरा
एडेनोवायरस से संक्रमित होेने पर कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है. जो लोग पहले साइनोसाइटिस, निमोनिया, ब्रांेकाइटिस, आंतों संबंधी समस्या, दस्त, कंजक्टिवाइटिस जैसी समस्या हो. उन्हें खतरा अधिक होता है.
वायरस से संक्रमित होने से कैसे बचें?
व्यस्क या यूथ इस वायरस की चपेट में कम आ पाते हैं. 5 साल से कम उम्र के बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. यह वायरस इस उम्र के बच्चों को अधिक चपेट में लेता है. बच्चा इन्फेक्शन के संपर्क में आने से बचे, इसके लिए बच्चोें को बताएं कि खांसते समय मुंह पर हाथ रखें. यदि बच्चा बीमारी है तो दूसरे बच्चों के संपर्क में न आए. बीमार बच्चे के कपड़े, तौलिया अलग रखें. बच्चे के हाथों को सही ढंग से धोए, बच्चों को मास्क पहनाकर रखें. सेनिटाइज का प्रयोग करेें. तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर को दिखाएं.
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