नई दिल्लीः पंजाब में स्वाइन फ्लू बहुत ही तेज़ी से फैल रहा है. पिछले एक महीने में 58 लोग इस बीमारी का शिकार बन चुके हैं, जिसमें से 9 लोगों की जान तक चली गयी. यह वायरस केवल पंजाब में नहीं, बल्की पूरे देश में खूब तेज़ी से फैल रहा है.

800 की मौत-
एक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में जुलाई तक 16,500 स्वाइन फ्लू के मामले दर्ज हो चुके हैं और जिनमें से 800 लोगों की मौत हो चुकी है.

क्या कहते हैं डॉक्टर्स-
डॉ. गगनदीप सिंह का कहना है कि पंजाब में स्वाइन फ्लू के मामले 2013 से ही दर्ज हो रहे हैं, परंतु इस बार केस कुछ अलग ही है. इस साल पहली बार स्वाइन फ्लू गर्मी के मौसम में फैल रहा है. स्वाइन बढ़ने का कारण बताते हुए डॉ. का कहना है कि लोग कोल्ड और कफ़ को नजरअंदाज कर शुरूवाती अवस्था में डॉ. को दिखाना ज़रूरी नहीं समझते और हालत बिगड़ने पर अस्पतालों में एकदम गंभीर हालत में पहुंचते हैं.

टेस्टिंग लैब की हालत हुई खस्ता-
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक महीने में 9 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से 5 लोग लुधियाना के थे. कुल मिलाकर 225 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और टेस्टिंग लैब्स में बहुत ज़्यादा भगदड़ मची हुई है.

पटियाला के राजेंद्र मेजिकल कॉलेज में टेस्टिंग किट्स आउट ऑफ स्टॉक हो गई हैं और लैब्स अब मेन सेंटर से टेस्टिंग किट्स के आने का इंतज़ार कर रहे हैं. टेस्टिंग अब केवल PGI चंडीगढ़ में की जाएगी.

एक्सट्रा कॉर्पोरियल मेमब्रेन ऑक्सीजनेशन से हो रहा है इलाज-
DMC हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्डियोलोजिस्ट, डॉ. G.S. वांडर का कहना है कि उन्होंने स्वाइन फ्लू के मरीज़ जिनको सांस लेने में तकलीफ़ होती है, उनके लिए एक्सट्रा कॉर्पोरियल मेमब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) का ट्रीटमेंट शुरू किया है. यह ट्रीटमेंट फिलहाल इंडिया में केवल 20 अस्पतालों में उपलब्ध है.

2013 से 2016 तक की रिपोर्ट-
पंजाब हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, 2016 में पंजाब में कुल मिलाकर 166 मामले दर्ज हुए जिनमें से 62 की मौत हुई.

पंजाब में 2015 में स्वाइन फ्लू के 278 मामले दर्ज हुए जिसमें से 57 लोगों की मौत हो गई थी. 2014 में केवल 23 मामले दर्ज हुए जिसमें से केवल 3 लोगों की मौत हुई थी और 2013 में जब स्वाइन फ्लू को इंडिया में पहली बार रिपोर्ट किया गया था, तब पंजाब में 217 मामले दर्ज हुए थे जिसमें से 42 लोगों की मौत हुई थी.

क्या कहना है हेल्थ मिनस्टर का-
पंजाब हेल्थ मिनस्टर ब्रहम मोहिंदर का कहना है कि स्वाइन फ्लू के मरीज़ों के लिए पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में वार्ड खाली हैं. स्वाइन फ्लू के प्रबंधन के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाएं हैं. मरीज़ों को खुद को सतर्क रखने की जरूरत है ताकि फर्स्ट स्टेज में ही इंफेक्शन को कंट्रोल किया जा सके.