Fungal Infection: कोरोना से रिकवर होने के बाद, अब एक और नया फंगल इंफेक्शन हो रहा है घातक, जानिए लक्षण
कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में भले ही कमी आ रही हो लेकिन इस कोविड से रिकवर हो रहे मरीजों में कई तरह के फंगल इंफेक्शन के मामले सामने आ रहे हैं. ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद अब एस्परजिलोसिस नाम के फंगस ने लोगों को डरा दिया है. जानते हैं इसके लक्षण और इससे बचाव कैसे करें?
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने लोगों को डरा दिया है. हालांकि अब हालात पहले से काफी बेहतर हो गए हैं. लेकिन अब कोरोना से रिकवर होने के बाद होने वाल फंगल इंफेक्शन ने लोगों को डरा दिया है. ब्लैक फंगस के बाद अब कोरोना के मरीजों में कई तरह के दूसरे फंगल इंफेक्शन भी देखने को मिल रहे हैं. मरीजों को तरह-तरह के इंफेक्शन से जूझना पड़ रहा है. अब एक और फंगस ने पैर पसारना शुरु कर दिया है. जिसे एस्परजिलोसिस (Aspergillosis) कहते हैं. गुजरात में इसके मामले ज्यादा देखने को मिले हैं. ये इंफक्शन भी कोरोना से रिकवरी के बाद हो रहा है. जानते हैं एस्परजिलोसिस इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं.
एस्परजिलोसिस क्या है- एस्परजिलोसिस एक फंगल संक्रमण है. ये फंगस हमारे आसपास के वातावरण में ही मौजूद होता है लेकिन जिनकी इम्यूनिटी मजबूत होती है उन्हें ये नुकसान नहीं पहुंचाता है. हालांकि कमजोर लोगों या फेफड़ों में संक्रमण वाले व्यक्ति की सांस के जरिए ये शरीर के अंदर जाकर एलर्जी पैदा करता है. इसकी गंभीरता इससे भी समझी जा सकती है कि ये रक्त वाहिकाओं और उससे आगे भी फैल सकता है. ये एस्परजिलोसिस अलग अलग तरह से शरीर को प्रभावित करता है. ऐसे में ये अहम है कि आपको किस तरह के एस्परजिलोसिस से संक्रमण हुआ है.
एस्परजिलोसिस संक्रमण के लक्षण
सांस लेने में परेशानी- अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो ये इंफेक्शन के संकेत हो सकते हैं. ये फंगस फेफड़ों तक पहुंचने के बाद टिश्यूज को नुकसान पहुंचाना शुरू करता है. जिससे सांस लेने मे तकलीफ होती है. इससे समझ जाएं कि इंफेक्शन फेफड़ों तक पहुंच गया है.
बुखार और ठंड लगना- कोरोना के शुरुआती लक्षण भी बुखार और ठंड लगना ही है. ऐसे में अगर आप कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं इसके बाद भी आपको बुखार आए तो ये फंगल इंफेक्शन के संकेत हो सकते हैं.
खांसी में खून आना- अगर ये संक्रमण आपके फेफड़ों में पहुंच गया है तो आपको लगातार खांसी बनी रहेगी. कई लोगों को खांसी के साथ थोड़ा खून भी आ सकता है.
सिर और आंखों में दर्द- फंगस नाक से शरीर में जाता है. ये मुख्य रूप से साइनस, फेफड़ों में संक्रमण पहुंचाता है. फिर ये फंगस दिमाग की ओर बढ़ने लगता है. जिससे सिर और आंखों में दर्द बना रहता है.
थकान और कमजोरी- वैसे तो कोरोना के बाद काफी कमजोरी और थकान रहती है लेकिन अगर आपको किसी तरह का इंफेक्शन है तो ये और ज्यादा बढ़ जाती है. यहां तक कि आपको रोजमर्रा के काम करने में भी तकलीफ होती है.
स्किन पर इंफेक्शन- फंगल इंफेक्शन का असर कई मामलों में त्वचा पर भी हो रहा है. इससे स्किन में जलन, लालिमा, सूजन और फुंसी होने की समस्या हो सकती है. पूरे समय स्किन पर खुजली भी हो सकती है.
एस्परजिलोसिस की पहचान- एस्परजिलोसिस की पहचान थोड़ी मुश्किल है हालांकि डॉक्टर बायोप्सी, ब्लड टेस्ट, चेस्ट एक्स-रे, सीटी और फेफड़ों का स्कैन कराने के बाद इसकी पहचान कर लेते हैं.
एस्परजिलोसिस का इलाज- किसी भी फंगल इंफेक्शन के बारे में जितना जल्दी हो सके पता चल जाए, उतना ही अच्छा है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार इसका इलाज भी ब्लैक और व्हाइट फंगस की तरह ही किया जाता है. बॉडी में ज्यादा इंफेक्शन फैलने पर सर्जरी भी करनी पड़ती है.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )