Bike Ambulance: इमरजेंसी केस में एंबुलेंस जीवन दायिनी का काम करती है. एंबुलेंस का मकसद मरीज को अस्पताल तक जल्दी पहुंचाना और जल्दी ही प्राइमरी ट्रीटमेंट उपलब्ध कराना. अब तक आपने चार पहिया एंबुलेंस सुनी होंगी. लेकिन अब दिल्ली की सड़कों पर दो पहिए की यानि बाइक एंबुलेंस भी दौड़ रही हैं. एम्स में ऐसी ही सुविधा शुरू की है, जिससे मरीज को तुरंत राहत मिल सके. एंबुलेंस बाइक आने से मरीजों को खासी राहत मिली है.


एम्स ने हार्ट पेशेंट्स को दी सुविधा


दिल्ली स्थित एम्स में हार्ट मरीजों के लिए बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू की है. एम्स एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार यदि किसी मरीज को हार्ट संबंधित दिक्कत है. उसे इमरजेंसी ट्रीटमेंट चाहिए तो वह तुरंत इमरजेंसी नंबरों पर कॉल करेगा. बाइक एंबुलेंस एम्स परिसर में खड़ी रहती है. तुरंत ही कॉल की सूचना एंबुलेंस ड्राइवर को दे दी जाएगी. ड्राइवर मरीज या उनके परिजनों से बात कर उनकी लोकेशन ले लेगा. लोकेशन के आधार पर ही एंबुलेंस मरीज के पास पहुंच जाएगी.


15 मिनट में पहुंच जाती है एंबुलेंस


हार्ट अटैक आने पर इमरजेंसी ट्रीटमेंट बेहद जरूरी है. शुरुआत के 10 से 15 मिनट मरीज के लिए बेहद अहम होते हैं. एम्स की बाइक एंबुलेंस 15 मिनट में ही मरीज के पास पहुंच जाएगी. जल्दी पहुंचाने के लिए बाइक एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है. जीपीएस सिस्टम की मदद से मरीज की लोकेशन ट्रेस कर ली जाती है. 15 मिनट में पहुंच कर टीम मौके पर ही ईसीजी कर देगी. मरीज को प्राइमरी ट्रीटमेंट दिया जाएगा और जरूरत पड़ती है तो थ्रोम्बोलिक थेरेपी भी मरीज को दी जाती है.


इस नंबर पर करें कॉल


एम्स में इमरजेंसी के लिए इमरजेंसी नंबर भी जारी कर दिया है. एम्स एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि यदि किसी मरीज को तुरंत मदद चाहिए तो वह 14430 पर कॉल कर सकता है. अभी तक आप तो मरीजों को एंबुलेंस बाइक से इलाज किया जा चुका है एंबुलेंस ड्राइवर के साथ रहने वाले कर्मचारी को हार्ट संबंधी इलाज की बेसिक ट्रेनिंग भी दी गई है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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