नई दिल्लीः यूं तो डॉक्टर्स को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है. डॉक्टर्स लोगों की जान बचाते हैं लेकिन अब इन डॉक्टर्स की जान खुद खतरे में है. जी हां, कोई केस बिगड़ने पर मरीज के परिवार वाले डॉक्टर्स पर हमला बोल देते हैं. इसी को देखते हुए अपनी जान बचाने के लिए डॉक्टर्स सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग ले रहे हैं.
एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने अपनी सेफ्टी के लिए सेल्फ ट्रेनिंग लेने की ठानी है. इसी के चलते उन्होंने मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट चैंपियंस से ट्रेनिंग लेने का निर्णय किया है. डॉक्टर्स की ये ट्रेनिंग 15 मई को शुरू होगी. अच्छी बात ये है कि एडमिनिस्ट्रेशन ने इसकी परमिशन भी दे दी है.
एम्स रेसिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. विजय गुर्जर का कहना है कि एम्स के एडमिनिस्ट्रेशन ने हमारी मांगों जैसे मेल-फीमेल रेसिडेंट डॉक्टर्स के लिए सेल्फ डिफेंस और फिटनेस ट्रेनिंग पर विचार किया. अब रोजाना शाम को 7 से 8 बजे जिमखाना में क्लासेज होंगी. हम एडमिनिस्ट्रेशन की इस प्रतिक्रिया से खुश हैं.
एडमिनिस्ट्रेशन को रेसिडेंट डॉक्टर्स ने लेटर में कुछ ये बातें लिखी थीं.
तायक्वोंडो और स्वास्थ्य प्रशिक्षण आयोजित करने की अनुमति-
रेसिडेंट डॉक्टर्स एम्स के करीब मौजूद जिम खाना में तायक्वोंडो और फिटनेस ट्रेनिंग की शुरूआत करना चाहते हैं जो कि हर उम्र के लिए होगा. शाम को 6 से 7 और 7 से 8 की क्लासेज के लिए रिक्वेस्ट की गई थी. इस ट्रेनिंग को राजेश रावत (4 डैन ब्लैक बेल्ट कुक्किवों साउथ कोरिया) और सुमिंदर सिंगग (2 डैन ब्लैक बेल्ट कुक्किवों साउथ कोरिया) देंगे.
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के कुछ फायदे हैं-
- स्पोर्ट्स में परफॉर्मेंस बढ़ाना.
- स्टडी हैबिट बढ़ाना.
- आत्मविश्वास बढ़ाना.
- आत्मरक्षा करना सीखना.
आपको बता दें, एम्स से पहले इस तरह की ट्रेनिंग लोक नायक अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में शुरू हो चुकी है. हालांकि इनकी ट्रेनिंग ब्लैक बेल्ट चैंपियन से ना हो लेकिन पुलिसकर्मियों से इन्होंने सुरक्षा के गुर सीखे हैं.