AIIMS के ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को मिली बड़ी सुविधा, 100 नए बेड और पांच अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर शुरू
जेपीएनएटीसी के ट्रॉमा सेंटर में करीब 100 नए बेड जोड़े गए हैं, जिससे कुल बेड की संख्या 259 हो गई है. इसके इलावा एम्स की आपातकालीन सेवाओं का भी विस्तार किया गया है.
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दिल्ली एम्स के ट्रॉमा सेंटर में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर की नई सुविधा शुरू की गई है. इससे इलाज के लिए आने वाले मरीजों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है. दरअसल, जेपीएनएटीसी के ट्रॉमा सेंटर में करीब 100 नए बेड जोड़े गए हैं, जिससे कुल बेड की संख्या 259 हो गई है. इसके इलावा एम्स की आपातकालीन सेवाओं का भी विस्तार किया गया है. दरअसल, यहां मुख्य समस्या ऑपरेशन थिएटर की संख्या थी, जिसमें अब इजाफा किया गया है. एम्स में अब पांच नए अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर शुरू हो गए हैं, जिसके बाद जेपीएनएटीसी में कुल ऑपरेशन थिएटर की संख्या 11 हो गई है.
इन सुविधाओं से लैस हैं नए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर
- 58-72 वर्ग मीटर के विशाल ऑपरेशन थिएटर. इसमें प्रत्येक ऑपरेशन थिएटर में मल्टीस्पेशलिटी केसेस हो सकते हैं. इन ऑपरेशन थिएटर्स में ऑर्गन रिट्रीवल केसेज आसानी से किए जा सकते हैं.
- 72 वर्ग मीटर का एक ऑपरेशन थिएटर रेडियोसेफ है और ओ-आर्म इन्ट्रा-ऑप सीटी के लिए उपयुक्त है.
- ऑपरेशन थिएटर पूरी तरह से एकीकृत है, जिससे सर्जरी को डेमो रूम, लेक्चर थिएटर या दुनिया में कहीं भी प्रसारित किया जा सकता है, ताकि छात्रों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके.
- इसमें लैमिनर फ्लो एसी सिस्टम है, जो ऑपरेशन थिएटर में संक्रमण को कम करने में मदद करता है.
- दीवारें और फर्श सीमलेस हैं, जिससे सफाई आसान हो जाती है और ऑपरेशन थिएटर कॉम्प्लेक्स में धूल या माइक्रोबियल जमाव नहीं होता है.
- स्टाफ के चेंज रूम और स्टोरेज स्पेस के लिए पर्याप्त स्थान है.
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अब हर महीने होंगी इतनी सर्जरी
गौरतलब है कि एम्स के ट्रॉमा सेंटर में हर महीने 1200 से 1500 सर्जरी होती थीं, लेकिन अब नए ऑपरेशन थिएटर बनने से 2500 तक सर्जरी हर महीने हो सकती हैं. एम्स में हर महीने बड़ी संख्या में मरीजों की सर्जरी होती हैं और यहां सर्जरी के लिए भी मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है, जिसमें काफी ज्यादा वक्त भी लग जाता है. अब नए ऑपरेशन थिएटर बनने से मरीजों को काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
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