नई दिल्लीः 23 फरवरी को एम्स हॉस्पिटल द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में 1 मार्च 2017 से एक वीआई काउंटर खोलने की बात कही गई थी. लेकिन 9 मार्च यानि कल इस काउंटर को बंद करने का एलान कर दिया गया है.

एबीपी के सूत्रों के मुताबिक, मेडिकल सुपरिटेंडेंड डॉ. डी.के.शर्मा ने इस एलान की घोषणा की थी और और अब उन्होंने ही अपने फैसले को वापिस लिया है. यूं तो फैसला वापिस लेने का कारण अधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया है. लेकिन सूत्रों की माने तो 23 फरवरी को जारी हुए सर्कुलर से मेडिकल स्टाफ काफी नाराज था.

मेडिकल स्टा‍फ की नाराजगी को देखते हुए इस फैसले को वापिस लिया गया है. ऐसा कहा जा रहा था कि ये वीआईपी और अन्य गरीब मरीजों के बीच में साफ-साफ भेदभाव किया जा रहा है.

हालांकि ये सभी जानते हैं कि यहां पर सिफारिश पर पहले से ही वीआईपी मरीजों का इलाज होता है और इसके लिए यहां बकायदा प्रोटोकॉल भी है. स्टाफ का कहना था कि ऐसे में इस तरह के काउंटर को बनाने की जरूरत नहीं थी. पिछले कुछ दिनों से जब से ऐसा हुआ तो ऑनलाइन एपॉइंटमेंट लेने वाले मरीजों को इलाज करवाने में दिक्कतें आ रही थीं.

इस काउंटर पर दी जा रही थीं ये सुविधाएं-
नए काउंटर पर यूनियन हेल्थ मिनिस्टर जे.पी.नड्डा के लिए तैनात ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के रिकमन्डेशन और पार्लियामेंट मेंबर्स के वीआईपी रेफरेंस पर मरीजों का इलाज किए जाने का प्रावधान था. ये नया काउंटर एम्स के प्रेजिडेंट और हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा के ओएसडी की अपील के बाद खोला गया था.

इस नए काउंटर पर केवल हेल्थ मिनिस्टर के स्पेशल ऑफिसर्स, एम्स और एमपी की तरफ से आने वाली विशेष सिफारिशों के साथ आए लोगों को ही एंटरटेन किया जाना था.

रोजाना ओपीडी रजिस्ट्रेशन सुबह 11 बजे ही बंद हो जाता है. जिन मरीजों को एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट में रेफर किया जाता था उन्हें अगले दिन कंसलटेंशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता था. लेकिन नए काउंटर के खुलने से वीआईपी पेशेंट ओपीडी ऑवर्स में डॉक्टर्स से किसी भी समय कसंल्ट कर सकते थे. इतना ही नहीं, एक डिपार्टमेंट से वीआईपी मरीजों को दूसरे डिपार्टमेंट में भेजा जाता है तो भी वीआईपी मरीजों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना पड़ता.