एयर पॉल्यूशन के कारण बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. एयर पॉल्यूशन के कारण मरने वाले लोगों का तीसरा सबसे बड़ा कारण है. हम विस्तार से आपको बताएंगे बुजुर्गों की सेहत पर इसका क्या असर होता है. भारत सहित पूरी दुनिया में तेजी से एयर पॉल्यूशन बढ़ रहे हैं. खाना, पानी और ताजी हवा इंसान के लिए बेहद जरूरी है. साफ हवा में सांस लेने के कारण कई सारी दिक्कतें हो सकती है. कारखाने, बिजली, जलते कोयले, लकड़ी और गाड़ी से निकलने वाली प्रदूषण सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. दरअसल, इनडोर हो या आउटडोर हो प्रदूषण बहुत तेजी से फैल रहे हैं. एयर पॉल्यूशन के कारण बुजुर्गों को कई सारी गंभीर बीमारियां हो सकती है. 


बुजुर्ग जब भी बाहर निकले वो मास्क जरूर पहन लें


एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रदूषित हवा में मौजूद पीएम 2.5 के छोटे कण सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. अच्छी क्वालिटी का N95 या N99 मास्क लगाकर रखने से ये कण फिल्टर हो जाते हैं और सांस के माध्यम से शरीर में नहीं जा पाते हैं. जिससे कई तरह की रेस्पिरेटरी डिजीज से बच सकते हैं. हालांकि, कोई भी मास्क 100 प्रतिशत कारगर नहीं है, लेकिन यह खतरनाक प्रदूषण से बचाव कर सकता है. इसके लिए अच्छा मास्क लगाएं. हमेशा NIOSH से सर्टिफाइड मास्क लगाएं.
 
बुजुर्ग घर में रहे तो खिड़की-दरवाजे बंद करके रहे


हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब प्रदूषण ज्यादा होता है तो घर के अंदर भी इसका असर देखने को मिलता है. घर में लगे पर्दे, सोफे के कवर में गंदगी जम जाती है और धूल बनकर बाहर आती है. इस वजह से खिड़की और दरवाजे बंद करने की सलाह दी जाती है. हालांकि, 24 घंटे खिड़की या दरवाजों को बंद नहीं रखना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि खिड़की या दरवाजे लगातार बंद रहने से घर में पार्टिकुलेट मैटर बने रह जाते है, जो सांस की कई बीमारियों को जन्म दे सकती है. इसलिए दोपहर के समय कुछ वक्त के लिए खिड़की-दरवाजे खोलकर रखने चाहिए.
 
एयर पॉल्यूशन से बचने क्या करें


हैवी ट्रैफिक में घर से बाहर निकलने से बचें.


जरूरी नहीं है तो छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने दें.


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बाहर जा रहे हैं तो एन-95 मास्क लगाकर ही जाएं.


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धूल-धूएं और मिट्टी से


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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