वायु प्रदूषण 60 लाख प्रीमैच्योर जन्म की बना वजह, खतरे को टालने के जानिए उपाय
ताजा रिसर्च के मुताबिक वायु प्रदूषण का संबंध 2019 में करीब 60 लाख प्रीमैच्योर जन्म से जुड़ा हुआ पाया गया है. जन्म के समय बच्चों का कम वजन या प्रीमैच्योर जन्म का स्वास्थ्य समस्याओं पर असर हो सकता है.
![वायु प्रदूषण 60 लाख प्रीमैच्योर जन्म की बना वजह, खतरे को टालने के जानिए उपाय Air Pollution Linked To 6 Million Preterm Births Know How To Curb The Risk Before It is Too Late वायु प्रदूषण 60 लाख प्रीमैच्योर जन्म की बना वजह, खतरे को टालने के जानिए उपाय](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/10/01/a9fc7256be7ccb4ef45a07d0a8f47480_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वायु प्रदूषण दुनिया की प्रमुख चिंताओं में से एक बनकर उभरा है. उसे जन स्वास्थ्य और आर्थिक संपन्नता के लिए खतरा समझा जाता है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सान फ्रांसिस्को और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की तरफ से जारी एक नई रिसर्च में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है. रिसर्च में पाया गया है कि वायु प्रदूषण 60 लाख बच्चों का समय से पहले जन्म की संभावित और कम वजन होने की वजह बना है. जन्म के समय बच्चों का कम वजन या प्रीमैच्योर जन्म का उनकी पूरी जिंदगी में प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं पर असर हो सकता है.
60 लाख प्रीमैच्योर जन्म का संबंध वायु प्रदूषण से जुड़ा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया की 90 फीसद आबादी बाहर की गंदी हवा में सांस लेती है, और आधी आबादी घरों के अंदर कोयला, गोबर और लकड़ी के दोहन से होनेवाले वायु प्रदूषषण की चपेट में है. रिसर्च में देखा गया कि कैसे वायु प्रदूषण बच्चे का वजन, प्रेगनेंसी की अवधि, समय से पहले जन्म और जन्म के बाद वजन में कमी समेत प्रेगनेंसी के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है. इस रिसर्च में पहली बार घर में होनेवाले वायु प्रदूषण को शामिल किया गया है, जिसका योगदान प्रभावों में तीन गुना है.
2019 में वायु प्रदूषण के नतीजे में करीब 60 लाख बच्चों का जन्म समय से पहले हुआ और 30 लाख बच्चे दुनिया भर में जन्म के समय कम वजन के थे. रिसर्च के मुताबिक दक्षिण-पूर्व एशिया और सब-सहारा अफ्रीका में अगर वायु प्रदूषण कम कर दिया जाए तो प्रीमैच्योर जन्म और जन्म के वक्त शिशु के वजन में कमी के मामलों को 78 फीसद तक घटाया जा सकता है.
प्रीमैच्योर जन्म क्या है?
समय से पहले जन्म या प्रीमैच्योर जन्म प्रेगनेंसी के 37वें सप्ताह पूरा होने से पहले को कहते हैं. प्रीमैच्योर जन्म को दुनिया में नवजात की मौत का सबसे बड़ा कारण माना गया है. समय से पहले जन्मे बच्चे या जन्म के समय कम वजन बच्चों को बाद की जिंदगी में गंभीर बीमारी होने का ज्यादा जोखिम होता है. प्रीमैच्योर में जन्म से ही समस्याएं होती हैं क्योंकि बच्चों का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है. जितनी जल्दी आपका बच्चा पैदा होगा, मुश्किलों की संभावना ज्यादा होगी. खराब वायु गुणवत्ता से अवांछित परिणाम हो सकते हैं, इसलिए बढ़ते वायु प्रदूषण से सुरक्षित होने के कुछ प्रभावी उपाय बताए जा रहे हैं.
वायु प्रदूषण से कैसे बचें?
- प्रेगनेंट महिलाओं को बेहद प्रदूषित जगहों में टहलने या चलने से बचना चाहिए.
- कोविड-19 के समय प्रेगनेंसी में हमेशा मास्क पहनकर यात्रा करना चाहिए.
- बाहर जाने से जहां तक संभव हो सके प्रेगनेंट महिलाओं को बचना चाहिए.
- अगर बाहर जाने की जरूरत पड़े तो अच्छी क्वालिटी का मास्क इस्तेमाल करें.
- अच्छी डाइट और हाइड्रेटेड रहना बच्चे और खुद की सेहत के दो बुनियाद हैं.
- वायु प्रदूषण की वजह से आपके लंग्स में अक्सर फ्री रेडिकल्स बढ़ जाते हैं, जो आपके लंग्स में हेल्दी टिश्यू को नुकसान पहुंचाते हैं.
- पोषण संबंधी बदलाव अपनी जिंदगी में लाना जरूरी है. उपयुक्त डाइट प्लान हासिल करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें.
Clean and Clear Skin For Men: रफ-टफ स्किन के फेर में न फंसे और ऐसे रखें अपनी स्किन का ख्याल
Kids Superfood: बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होगा तेज, डाइट में शामिल करें ये 10 सुपरफूड
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शंभू भद्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/fdff660856ace7ff9607d036f59e82bb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)