तेज संगीत से 'मीत' नहीं बीमारी मिलती है, अल्का याग्निक ने पोस्ट शेयर कर बयां किया अपनी बीमारी का दर्द
अल्का याग्निक (Alka Yagnik) इन दिनों कान की बीमारी से जूझ रही है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि वह रेयर न्यूरो डिसीज की शिकार हो गई हैं.
अल्का याग्निक (Alka Yagnik Instagram) ने इंस्टाग्राम पर शेयर पोस्ट में लिखा कि मैं सेंसरी नर्व हियरिंग लॉस की बीमारी से जूझ रही हूं. इसके कारण मुझे बिल्कुल भी सुनाई देना बंद हो गया है. इसी के कारण मैं एक्शन में नजर नहीं आ रही थीं. अल्का ने बताया कि वह इसे बड़े झटके के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी.
अल्का याग्निक ने अपनी बीमारी सेंसरी नर्व हियरिंग लॉस को लेकर किया पोस्ट
अल्का याग्निक ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि मेरे प्यारे फैंस, दोस्त और फॉलोअर्स अगर आप भी हेड फोन में तेज आवाज में गाना सुनते हैं तो यह आपके लिए गंभीर समस्या हो सकती है. इसलिए तेज आवाज में गाना नहीं सुनना चाहिए क्योंकि यह गंभीर ईयरलॉस की बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं.
रेयर सेंसरी न्यूरल नर्व हियरिंग लॉस की बीमारी क्या है?
डॉक्टर्स के मुताबिक यह रेयर सेंसरी न्यूरल नर्व हियरिंग लॉस की बीमारी है. आइए विस्तार से जानें कि इस बीमारी में आखिर होता क्या है? इंग्लिश पॉर्टल एनडीटीवी डॉट.कॉम के मुताबिक रेयर सेंसरी न्यूरल नर्व हियरिंग लॉस की बीमारी में मरीज को सुन्ने में परेशानी होने लगती है. एक वक्त के बाद उन्हें सुनाई देना भी बंद हो सकता है. दरअसल, यह कान के अंदर के सेल्स यानि कोक्लीअ में पाए जाने वाले सेल्स के नुकसान पहुंचने से ऐसा होता है. यह कान से संबंधित आम बीमारी है. इसमें कान से ब्रेन तक जिस नर्व्स के जरिए आवाज पहुंचती है वह पूरी तरह से डैमेज हो जाते हैं. इसनें रेयर सेंसरी नर्व हियरिंग लॉस की दिक्कत होती है.
क्यों होता है सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस
वायरस हवा के माध्यम से कान में घुस जाता है और कान के अंदरुनी हिस्से को डैमेज कर देता है. इसके लिए कई तरह के वायरस जिम्मेदार होते हैं. कॉमन कफ एंड कोल्ड वाला वायरस भी यह बीमारी दे सकता है.
ईयरफोन में गाना सुनना क्यों है खतरनाक?
गाना सुनने से हमारा बॉडी रिलैक्स होता है. जब हम ईयरफोन में गाना सुनते हैं तो वह सीधा हमारे कानों में जाता है. जो नहीं जाना चाहिए. साउंड सीधा कान के अंदर नहीं बल्कि बाहर से होकर जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो इसका सीधा असर हमारे कान और दिमाग पर सीधा असर पड़ता है. इसके कारण सेंसेटिविटी खो जाती है. तेज आवाज के कारण कान के अंदर के सेल्स डैमेज होने लगते हैं जिसके कारण सुनाई कम देने की समस्या शुरू हो जाती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )