ब्रेन ट्यूमर सुनते ही लोगों को लगता है कि मरीज ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जब भी ऐसे मामले सामने आए तो घबराने के बजाय मरीज को हौसले से काम लेना चाहिए. ब्रेन ट्यूमर का मतलब कैंसर नहीं होता है. अगर वक्त रहते ट्यूमर का पता चल जाए तो इसकी सर्जरी करके मरीज की जान बचाई जा सकती है. 


ब्रेन ट्यूमर और कैंसर में यह होता है फर्क


विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं. कई बार मरीजों के दिमाग में नॉर्मल ट्यूमर भी हो जाते हैं जिसे सर्जरी के जरिए निकाला जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि कई बार मिर्गी ज्यादा पुरानी होने पर लोग इसके दौरों को लेकर लापरवाह हो जाते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर दवा और ट्रीटमेंट चल रहा है और उसके बावजूद मरीज को दौरे आ रहे हैं तो हो सकता है कि उसके दिमाग में ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण दिख रहे हों.


मरीज को अगर सिरदर्द ज्यादा हो रहा है तो उसे एमआरआई जरूरी करवानी चाहिए


ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि मरीज की एमआरआई जरूर करवानी चाहिए. एमआरआई ब्रेन ट्यूमर का पता लगा सकती है और अगर ब्रेन ट्यूमर है तो इसको प्रारंभ में ही पकड़ कर इसका इलाज करवाया जा सकता है. 


हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होते हैं लेकिन जब ब्रेन ट्यूमर के आसपास के सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं तो कई बार यह कैंसर का रूप ले लेते हैं. और यह शरीर के दूसरे अंगों में भी फैलने लगते हैं. ब्रेन के आसपास के सेल्स और डीएनए में कई तरह के खतरनाक बदलाव होते हैं. इससे ब्रेन कैंसर का जोखिम बढ़ता है. 


'अमेरिकन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन' की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल पूरी दुनिया में 10 लाख से अधिक लोग ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं. वहीं हर साल लगभग 90 हजार लोग इसका निदान करते हैं.


ब्रेन ट्यूमर के लक्षण


सिरदर्द या सुबह के वक्त अचानक से काफी ज्यादा दर्द होना


मतली या उल्टी होना


आंखों की दिक्कत या ठीक से दिखाई न देना


हाथ या पैर में झुनझुनी होना


बोलने में परेशानी होना


हमेशा थका हुआ महसूस होना


किसी भी चीज को याद रखने में परेशानी होना


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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