हिमाचल के स्पीति घाटी में बसा कॉमिक गांव दुनिया के सबसे ऊंचाई पर बसे गांवों में से एक है. ये दुनिया का ऐसा सबसे ऊंचा गांव है, जहां वाहन जाने के लिए रास्ता है. अब कोरोना महामारी के दौरान ये गांव एक अन्य कारण से मशहूर हो गया है. कॉमिक गांव में रहने वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों का कोविड-वैक्सिनेशन पूरा हो गया है. कॉमिक के साथ साथ हिक्किम और लांगजा ये तीनों ही गांव लांगजा पंचायत में आते हैं. अधिकारियों के अनुसार यहां कुल 330 लोगों की आबादी है. यहां 45 वर्ष से अधिक उम्र के 251 लोग रहते हैं. जिनमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के 101 लोग भी शामिल हैं. इन सभी को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है.
गांव में कोरोना वायरस के बेहद कम मामले सामने आए हैं. इसका मुख्य कारण यहां के लोगों का अनुशासन और कोविड-19 के दिशानिर्देशों का कड़ा पालन करना है. गांव के एक निवासी 37 वर्षीय पालजर के अनुसार, "हम केवल खेती के लिए घर से बाहर निकलते हैं. गांव के सभी बूढ़े लोग बच्चों के साथ घर पर ही रहते हैं." काजा ब्लॉक के मेडिकल ऑफिसर तेंजिन नोर्बु के अनुसार, "हमें इस बात की बेहद खुशी है कि गांव के लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज भी ले ली है."
लांगजा पंचायत काजा ब्लॉक में पड़ती है. जिसकी आबादी लगभग 3,500 है. यहां के 89 प्रतिशत से अधिक हेल्थकेयर वर्कर और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 79 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं. साथ ही 45 वर्ष से अधिक उम्र के 95 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है.
जनवरी से ही वैक्सिनेशन कर रही है हेल्थकेयर वर्कर की टीम
स्वास्थ्य विभाग की एक टीम इस साल जनवरी से लांगजा पंचायत में रहने वाले लोगों का वैक्सिनेशन कर रही है. इस टीम में हेल्थकेयर वर्कर प्रेम सिंह, कुलवंत सिंह और पद्मा शामिल हैं. इन अधिकारियों के अनुसार यहां के लोगों में वैक्सिनेशन के प्रति जबर्दस्त उत्साह के बाद भिन उनका काम इतना आसान नहीं रहा है. आशा वर्कर, पद्मा के अनुसार, "बुज़ुर्गों के बाद अब यहां के युवाओं में भी वैक्सिनेशन को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह है. लेकिन सीमित इंटर्नेट कनेक्टिविटी यहां एक बड़ी समस्या है. इसके चलते लोगों को Co-Win एप या पोर्टल पर रजिस्टर करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है."
काजा के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ज्ञान सिंह नेगी के अनुसार, "इंटर्नेट कनेक्टिविटी की परेशानी के चलते हमनें इस महीने राज्य सरकार से ऑफलाइन रेजिस्ट्रेशन की अनुमति मांगी थी. जिसे मंज़ूर कर दिया गया है. राज्य के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉक्टर निपुण जिंदल ने बताया, "आदिवासी इलाकों के साथ ऊंचाई और दुर्गम श्रेत्रों में स्थित गांवों में और ज्यादा हेल्थ वर्कर नियुक्त किए जाएंगे. साथ ही वैक्सिनेशन के लिए रेजिस्ट्रेशन भी ऑफलाइन कर दिया गया है."
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