एंजेलिना जोली को हुई ‘बेल्स पाल्सी’ की बीमारी, जानिए, क्या है ये बीमारी
बेल्स पाल्सी एक तरह का लकवा है लेकिन एंजेलिना जोली को बेल्स पाल्सी के दौरान एक तरफ का चेहरा लटकने की समस्या हो गई थी. चलिए जानते है आखिर क्या है बेल्स पाल्सी.
नई दिल्लीः 42 वर्षीय हॉलीवुड एक्ट्रेस और डायरेक्टर एंजेलिना जोली ने हाल ही में इस बात का खुलासा किया है कि 2016 सितंबर में अपने पति ब्रैड पिट से अलगाव के बाद से वे बेल्स पाल्सी और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से जूझ रही थीं. बेल्स पाल्सी एक तरह का लकवा है लेकिन एंजेलिना जोली को बेल्स पाल्सी के दौरान एक तरफ का चेहरा लटकने की समस्या हो गई थी. चलिए जानते है आखिर क्या है बेल्स पाल्सी. इसके होने के क्या कारण है. बेल्स पाल्सी का ट्रीटमेंट क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
क्या है बेल्स पाल्सी- बेल्स पाल्सी को चेहरे के एक तरफ लकवा मारना भी कहा जाता है. बेल्स पाल्सी एक अस्थाई लकवा है जो कि चेहरे की मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण होता है. ऐसा आमतौर पर तब होता है जब आपके चेहरे की मांसपेशियों को कंट्रोल करने वाली मसल में सूजन आ जाए या वो सिकुड़ जाए. हालांकि इसके होने के कोई स्पष्ट कारण मौजूद नहीं है. एंजेलिना जोली के केस में चेहरे के एक तरफ का हिस्सा लटकने लगा था, ऐसा चेहरे की नसें डैमेज होने के कारण हुआ था.
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बेल्स पाल्सी में हो जाती है ऐसी स्थिति- इस बीमारी में या तो चेहरे अकड़ जाता है या एक ओर लटक जाता है. बेल्स पाल्सी के दौरान हंसने में दिक्कत होती है. इसके साथ ही चेहरे का जो हिस्सा प्रभावित हुआ है उस तरफ की आंख बंद करने में भी परेशानी होती है. बेल्स पाल्सी बीमारी में ऐसा होना बहुत आम बात है. यूके में हर साल 1 लाख लोगों में से 20 से 40% लोग इस बीमारी से जूझते हैं.
तीन महीने में ही कर लेते हैं रिकवरी- बेल्स पाल्सी की अच्छी बात ये है कि इस बीमारी से 70 से 75% लोग लगातार तीन महीने में ही रिकवरी कर लेते हैं. वहीं 85 से 95% लोग 9 महीने के अंदर-अंदर रिकवरी कर लेते हैं. बहरहाल, सिर्फ 5 से 15% लोग ही लंबे समय तक इस बीमारी और इससे हुई वीकनेस से जूझते हैं.
ये भी पढ़ें- एंजेलिना जोली डिवोर्स के बाद हुई हाइपरटेंशन का शिकार, लेकिन आप बच सकते हैं इससे! hypertension-662502बेल्स पाल्सी का मुख्य कारण- यूं तो अब तक बेल्स पाल्सी होने का मुख्य कारण सामने नहीं आया है लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि इसका स्ट्रेस से गहरा ताल्लुक है. ऐसे में इसे स्ट्रेस रिलेटिड डिजीज़ के नाम से भी पहचाना जाता है. ये बीमारी वैसे तो किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन 16 से 60 साल तक की उम्र के लोगों को ये बीमारी अधिक होती है.
बेल्स पाल्सी के खतरे को बढ़ा सकती हैं ये चीजें-
- हर्प्स सिंप्लेक्स, जो ठंडे घावों और जेनिटल हर्प्स के कारण होता है
- एचआईवी, जो इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं
- सर्कॉइडोसिस, जो अंगों में सूजन का कारण बनता है
- हर्प्स ज़ोस्टर वायरस, जो चिकनपॉक्स और चर्मरोग के कारण होता है
- एपस्टीन-बार वायरस, जो मोनोन्यूक्लियोसिओसिस के कारण होता है
बेल्स पाल्सी के लक्षण- बेल्स पाल्सी एक से दो सप्ताह में तक अधिक विकसित होता है जब आपको जुकाम, कान में इंफेक्शन और आई इंफेक्शन हो. ऐसा बहुत ही कम मामलों में होता है जब बेल्स पाल्सी चेहरे के दोनों हिस्सों को प्रभावित करे.
ये भी पढ़ें- एंजेलिना जोली डिवोर्स के बाद आ गईं स्ट्रेस में, आप स्ट्रेस से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय इसके कुछ और लक्षण है-
- लार टपकना
- खाने- पीने में कठिनाई
- मुस्कुराने या चेहरे के कोई भाव बनाने में दिक्कत
- चेहरे पर कमजोरी आना
- चेहरे पर मांसपेशियों में बिगड़ना
- ड्राई आंख और मुंह
- सिरदर्द
- साउंड सेंसिटिविटी
बेल्स पाल्सी के लक्षण स्ट्रोक और ब्रेन ट्यूमर से मिलते जुलते हैं.
बेल्स पाल्सी इन वजहों से बढ़ जाता है –
- प्रेग्नेंसी में
- डायबिटीज में
- लंग्स इंफेक्शन
- अगर फैमिली हिस्ट्री में किसी को बेल्स पाल्सी है
बेल्स पाल्सी का इलाज- बेल्स पाल्सी के बहुत सारे लक्षण बिना ट्रीटमेंट के ठीक हो जाते हैं. लेकिन सामान्य होने में मरीज को कई महीने तक लग जाते हैं. जल्दी रिकवरी के लिए कई तरह की मेडिसिन दी जाती है जैसे सूजन कम करने के लिए. एंटीवायरल मेडिसिन, पेन किलर्स, आई ड्रॉप्स, फेस मसाज और कुछ फीजिकल थेरेपी एक्सरसाइज जो कि चेहरे की मसल्स को आराम देती हैं.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
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