जागरुकता फैलाने के लिए आज दुनिया भर में अल्जाइमर दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर बीमारी के खतरे और बचाव के उपाय पर कार्यक्रमों का आयोजन भी हो रहा है. अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम कारण है.
अल्जाइमर मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है
विशेषज्ञों का कहना है कि अल्जाइमर मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है. जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याद्दाश्त खोने लगता है. बीमारी के संपर्क में आने पर छोटी से छोटी बात को याद रखना मुश्किल हो जाता है. डिमेंशिया के ज्यादा बढ़ने पर लोगों का चेहरा भी याद नहीं रह पाता. अभी तक बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. अमूमन 65 साल की उम्र के बाद लोगों में बीमारी देखने को मिलती है. वृद्धावस्था में मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचने से बीमारी होती है. मस्तिष्क में जब प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होती है तब बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
हेल्दी लाइफ स्टाइल, नशे से दूरी बचाव के उपाय
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. आदर्श त्रिपाठी का कहना है कि बुजुर्गों को डिमेंशिया से बचाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों का उनके प्रति लगाव जरूरी है. उनकी सलाह है कि बुजुर्गों को अकेलापन का एहसास न होने दें. समय निकालकर उनसे आत्मीयता के साथ पेश आएं. उनकी बातों को ध्यान से सुनें. उनके सोने, जागने, खानपान, पसंद का विशेष ख्याल रखें.
डॉ. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि भूलने की बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि नकारात्मक विचारों को हावी न होने दिया जाए. खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखा जाए. पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने, खेलकूद और रुचि के काम कर बीमारी से बचा जा सकता है. इसके अलावा हेल्दी लाइफ स्टाइल और नशे से दूरी भी रोग से बचाव के एहतियाती उपाय हैं.
वजन कम करने के लिए सेब के सिरके का अगर कर रहे हैं इस्तेमाल, जानें क्या हैं इसके नुकसान?
Health Tips: दूध में डाले सिर्फ एक चुटकी हल्दी, इसके सेवन से होंगे ये 8 जबरदस्त फायदे